नई दिल्लीरेलवे होटल लीज घोटाले मामले में लालू यादव आज दिल्ली सीबीआई मुख्यालय में पेश नहीं होंगे. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, लालू के वकील की अर्जी पर आज समीक्षा की जाएगी और समीक्षा के बाद लालू यादव को फिर से पेश होने के ताजे नोटिस जारी किये जा सकते है. सीबीआई ने लालू यादव से पूछताछ की पूरी तैयारी की थी.

गौरतलब है कि आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखभाल का ठेका एक निजी फर्म को सौंपने के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव को आज सीबीआई के सामने पेश होना था. जबकि तेजस्वी यादव को 12 सितंबर यानि मंगलवार को पेश होना है.

इसी साल जुलाई में सीबीआई ने लालू के पटना और दिल्ली सहित करीब 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. लालू पर आरोप है कि जब वब रेलमंत्री थे, तब रेलवे के होटल के आवंटन को लेकर उन्होंने गड़बड़ियां की थी.


किन-किन लोगों पर दर्ज हुआ मामला?


इस मामले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, लालू के सहयोगी प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, पटना में सुजाता होटल्स के दोनों डॉयरेक्टर, डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (लारा प्रोजेक्टस) आईआरसीटीसी के पूर्व एमडी सहित कई लोगों के ऊपर सीबीआई ने पांच जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई ने इन लोगों के ऊपर आईपीसी की धारा 420, 120B, 13 1D के तहत मामला दर्ज किया है.


टेंडर बांटने में हुई थी गड़बड़ियां


सीबीआई के मुताबिक, ”जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब रेलवे के दो होटल बीएनआर होटल पूरी और बीएनआर होटल रांची को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था और इनकी देखभाल रखने के लिए टेंडर इशू किए गए थे. बाद में यह पाया गया कि टेंडर बांटने में गड़बड़ियां हुई हैं. ये टेंडर मिसिज सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेज को इशू हुए थे.”


लालू ने प्राइवेट कंपनी को पहुंचाया फायदा


सीबीआई के मुताबिक, ”प्रार्थमिक जांच में ये पाय़ा गया है कि ये टेंडर बांटने में कुछ गड़बड़ियां की गई हैं और इस प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है और इसके बदले लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को एक जमीन दी गई. पहले ये जमीन मिसिज डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने ली जिसकी कर्ता धर्ता सुजाता गुप्ता हैं.”


सीबीआई के मुताबिक,”जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री नहीं थे, तब साल 2010 से 2017 के बीच में ये जमीन उनके परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्टस में ट्रांसफर कर दी गई. अस्थाना ने बताया कि यह ट्रांसफर भी बेहद कम कीमत पर किया गया, जहां सर्कल रेट के मुताबिक जमीन की कीमत 32 करोड़ रुपए थी उसे लारा प्रोजेक्ट्स को करीब 65 लाख रपए में स्थानांतरित किया गया. इन सभी मामलों में काफी गड़बड़ियां पाई गई थी, इसलिए आज इस मामले में सीबीआई ने 12 ठिकानों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी पटना, रांची, दिल्ली, भुवनेश्वर और गुड़गांव में की गई.”