नई दिल्ली: बिहार के सबसे चर्चित चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में रांची की विशेष अदालत ने आज पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दे दिया है. लालू के अलावा 15 अन्य आरोपियों को भी कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. अब लालू यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उन्हें तीन जनवरी तक जेल में ही रहना होगा. तीन जनवरी को ही लालू यादव की सजा का ऐलान किया जाएगा.
इस फैसले के बाद लालू यादव ने अपना पहला रिएक्शन ट्विटर के जरिए दिया है. लालू ने ट्विटर पर लिखा है, ''धूर्त भाजपा अपनी जुमलेबाज़ी व कारगुज़ारियों को छुपाने और वोट प्राप्त करने के लिए विपक्षियों का पब्लिक पर्सेप्शन बिगाड़ने के लिए राजनीति में अनैतिक और द्वेष की भावना से ग्रस्त गंदा खेल खेलती है.''
लालू ने आगे लिखा है, ''झूठे जुमले बुनने वालों सच अपनी ज़िद पर खड़ा है. धर्मयुद्ध में लालू अकेला नहीं पूरा बिहार साथ खड़ा है.'' आगे उन्होंने लिखा है कि ''मरते दम तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ता रहूँगा. जगदेव बाबू ने गोली खाई, हम जेल जाते रहते है लेकिन मैं झुकूँगा नहीं. लड़ते-लड़ते मर जाऊँगा लेकिन मनुवादियों को हराऊँगा.''
दोषी करार दिए जाने के बाद लालू के ट्विटर हैंडल से लगातार ट्वीट किया जा रहा है.
बता दें कि जिस मामले में आज फैसला आया है वो देवघर कोषागार से 90 लाख रुपये की अवैध निकासी का है. इस मामले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत कुल 22 आरोपी थे. लालू सहित इस मामले में 15 और लोगों को दोषी करार दिया गया है. वहीं, 7 लोगों को बरी कर दिया गया है.
क्या है बिहार का चारा घोटाला?
साल 1996 में चारा घोटाले का खुलासा हुआ था. तब ये घोटाला 900 करोड़ रुपये का था. आज जो फैसला आना है वो देवघर ट्रेजरी से निकासी का है. लालू पर 90 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप है.
चारा घोटाले में कुल छह केस हैं. जिनमें से एक केस में 2013 में लालू यादव को पांच साल की सजा हो चुकी है, जिसके कारण वो चुनावी राजनीति से ही दूर हो गए. उस मामले में लालू यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ करने की अपील की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हर केस का ट्रायल अलग-अलग चलाने का आदेश दिया था.
IN DEPTH: क्या है चारा घोटाला और लालू पर क्या-क्या हैं आरोप?
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