पटना: मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नीतीश के सुशासन और पारदर्शिता के दावे पर सवाल खड़ा किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दल नए नेता का चुनाव करें और फिर से सरकार का गठन करें.
नीतीश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा के बाद लालू ने कहा, "नीतीश कुमार पटना के पंडारक थाने में साल 1991 में एक हत्या के मामले में आरोपी हैं. ऐसे में उनका मुख्यमंत्री बने रहना कहां का जीरो टॉलरेंस था. इस मामले में कोर्ट ने संज्ञान भी लिया है, लेकिन नीतीश अपने पद का इस्तेमाल कर उस मामले को दबाए हुए हैं."
लालू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि नीतीश कुमार ने कभी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ मुक्त भारत का नारा दिया था. अब पता नहीं क्या हो गया है? उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से बड़ा अत्याचार होता है. उन्होंने कहा कि नीतीश के इस्तीफे के बाद महागठबंधन समाप्त नहीं हो गया है. उन्होंने कहा कि नीतीश से अगर सरकार नहीं चलती है, तो कोई बात नहीं, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
लालू ने नीतीश से अपील की कि महागठबंधन में शामिल सभी दल के विधायकों को एक साथ बैठाएं और नए नेता का चुनाव करें और फिर से सरकार का गठन हो. आरजेडी नेता ने नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से यह भी आरोप लगाया कि वह बीजेपी से मिले हुए हैं.
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