बिहार: चारा घोटाले के तीसरे केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं. रांची की सीबीआई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. ये मामला चारा घोटाले के तीसरे केस चाईबासा कोषागार मामले से जुड़ा है. लालू यादव फिलहाल देवघर कोषागार के दूसरे मामले में सजा काट रहे हैं.


कौनसे हैं वो तीन मामले जिनमें लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं-


पहला मामला


2013 में 950 करोड़ के चारा घोटाले के मामले में पहला फैसला आया था. चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के मामले में कोर्ट ने लालू यादव को दोषी पाया था. 30 सितंबर 2013 को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने लालू पर पांच साल की सजा और 25 लाख का जुर्माना लगाया था.


दूसरा मामला

दूसरा मामला देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा का है. चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा कर लगभग 89 लाख रुपये की निकासी करने के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने लालू यादव को दोषी करार दिया था. इस मामले में कोर्ट ने लालू सहित 16 लोगों को दोषी करार दिया था. यह मामला साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से अवैध तरीके से रुपये की निकासी से संबंधित है. इस मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की कैद और पांच लाख जुर्माने की सजा हुई थी. इसी मामले में लालू यादव रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.


सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी, 64 ए, 1996 दर्ज किया था और लगभग 21 साल के बाद इस मामले में आज फैसला सुनाया गया. इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था. जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी. इसके बाद 22 आरोपी बच गए थे.


तीसरा मामला


चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने के मामले में कोर्ट ने लालू यादव को दोषी पाया है. हालांकि देवघर कोषागार मामले में लालू यादव पहले ही सजा काट रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने लालू को पांच साल की कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा का ऐलान किया है. लालू के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी पांच साल की कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा दी गई है.