नई दिल्ली: आरजेडी मुखिया लालू यादव ने बेनामी संपत्ति पर लगातार वार कर रहे बीजेपी नेता सुशील मोदी पर मानहानी का मुकदमा करने का ऐलान किया है. लालू ने कहा कि उनके बड़े बेटे तेजप्रताप को 13 एकड़ जमीन बतौर दान में मिलने की बात गलत है लिहाजा अब वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.


बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी सांसद रमा देवी ने 1993 में लालू यादव के बड़े बेटे को 13 एकड़ जमीन दान में दी थी. लेकिन आज लालू एक दस्तावेज के साथ सामने आए और कहा कि सुशील मोदी सबको गुमराह कर रहे हैं. लालू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक इकरारनामा पेश किया और कहा कि दान में दी ज़मीन को कैंसिल करवा दिया.

हालांकि लालू से जब पूछा गया कि सुशील मोदी ने आपकी कई संपत्तियों का ज़िक्र किया है उस पर क्या कहेंगे? लालू ने कहा कि सब खंडन कर चुके हैं. लेकिन तभी तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सफाई देंगे या फिर काम करेंगे.

तेज प्रताप को जमीन दान ने वाली बीजेपी सांसद रमा देवी ने अब इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है. रमा देवी ने बताया है कि ये जमीन इलाके के विकास के लिए दान दी गई थी.

एबीपी न्यूज से बात करते हुए रमा देवी ने बताया, “मैंने ये जमीन अपने पति बृजबिहारी प्रसाद के कहने पर इलाके के विकास के लिए दान में दी थी.” हालांकि, जमीन के कागजात में सेवा के बदले दान की बात की गई.

क्या है ये पूरा जमीन मामला?

बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील मोदी ने खुलासा किया है कि बीजेपी सांसद रमा देवी ने लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप को जमीन दान में दी थी. लगभग 13 एकड़ जमीन 1992 में तेज प्रताप यादव को दान में दी गई. जिस वक्त ये दान दिया गया उस वक्त तेज प्रताप की उम्र महज 3 साल 8 महीने थी. ये जमीन सेवा के नाम पर दी गई. दी गयी जमीन मुजफ्फरपुर के मौजा किशुनगंज, थाना कुढ़नी में पड़ती है. सुशील मोदी का कहना है कि जिस वक्त ये जमीन दान में दी गई उस वक्त रमा देवी पार्टी लालू की पार्टी में नहीं थीं. ऐसे में उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि महज 3 साल की उम्र में तेजप्रताप ने रमा देवी की ऐसी कौन सी सेवा कर दी जिसके एवज में उन्होंने इतनी बड़ी जमीन दान की.

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