पटना: बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को जीत मिली है. इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार को आरजेडी के सरफराज आलम ने हरा दिया है. सरफराज आलम ने बीजेपी के प्रदीप सिंह को 61788 वोटों से हराया है.  बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप सिंह को  447546 वोट मिले वहीं आरजेडी के उम्मीदवार  सरफ़राज आलम को 509334 वोट मिले.


इसके साथ इस बात पर भी मुहर लग गई की जेल में होने के बाद भी लालू की ताकत कम नहीं हुई है. वहीं नतीजे नीतिश और बीजेपी की ताकत पर भी सवाल खड़े करते हैं.


सीमांचल के बड़े नेता तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है. 2014 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी.


अररिया सीट का इतिहास और वर्तमान


बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से अररिया एक सीट है. ये सीट छह विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है. अररिया उन सीटों में से एक है जहां लोकसभा चुनाव में बीजेपी की आंधी में भी आरजेडी इस सीट को जीत पाने में कामयाब हो गई थी.


2014 में लोकसभा  चुनाव में 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 22, उसकी सहयोगी पार्टियों में लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) को छह और आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) को तीन सीटें मिली थीं, यानी बीजेपी गठबंधन को कुल 31 सीटें आई थीं. वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू महज़ दो सीटें और लालू की पार्टी आरजेडी चार सीटें ही जीत पाई थी. इनमें से एक अररिया सीट थी.


कब किस पार्टी को मिली जीता ?


1967 के लोकसभा में कांग्रेस के तुलमोहन राम, 1971 में भी कांग्रेस के ही तुलमोहन राम ही जीते. 1977 में बीएलडी के महेंद्र नारायण सरदार, 1980 में फिर से कांग्रेस के दुमर लाल भाटिया, 1984 में भी कांग्रेस के दुमर लाल भाटिया,  1991 और 1996 में जनता दल के सुखदेव पासवान इस सीट पर जीते.  1998 में भारतीय जनता पार्टी के रामजी राव ऋषिदेव, 1999 में एक बार फिर आरजेडी के सुखदेव पासवान, वहीं 2004 में भारतीय जनता पार्टी के सुखदेव पासवान, 2009 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदीप कुमार सिंह और 2014 में एक बार फिर आरजेडी के मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने इस सीट पर जीत हासिल की.


कुल कितने वोर्टस, उनमें कितनी महिलाएं, कितने पुरुष और कितने थर्ड जेंडर 

अररिया लोकसभा सीट में 1 जनवरी 2018 के आंकड़ों के अनुसार 17 लाख 37 हजार 468 वोटर हैं, जिसमें 9 लाख 19 हजार 115 वोटर पुरूष और 8 लाख 18 हजार 286 महिला वोटर और 67 थर्ड जेंडर वोटर हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में अररिया लोकसभा सीट पर 15 लाख 87 हजार 332 वोटर थें. जिनमें से 61.48 फीसदी लोगों ने वोट किया था. कुल 9 लाख 75 हजार 813 लोगों ने वोट किया था जिसमें 4 लाख 92 हजार 513 पुरूष और 4 लाख 83 हजार 291 महिला वोटर थीं.

2104 के आम चुनाव में पड़े कुल वोटों का प्रतिशत- 61.48% था.

कौन सी पार्टी कितनी बार जीती 


इस लोकसभा सीट पर अब तक हुए कुल 13 चुनावों में कांग्रेस ने चार बार जीत दर्ज की. वहीं बीएलडी ने एक बार जीत दर्ज की. बाद में ये सीट लालू की पार्टी आरजेडी की हो गई जिसने इस पर कुल पांच बार जीत हासिल की. वहीं बीजेपी का इस सीट पर आना जाना लगा रहा है और पार्टी ने इस सीट पर कुल तीन बार जीत हासिल की है.


कितनी विधानसभा सीट- कौन कौन जीता? 


इस लोकसभा सीट में छह विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों के नाम- नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट और सिकटी हैं. 2015 के चुनाव में नरपतगंज विधानसभा सीट पर आरजेडी के अनिल कुमार यादव ने बीजेपी के जनार्दन यादव को हराया था. वहीं रानीगंज सीट पर जेडीयू के अचमित ऋषिदेव ने बीजेपी के रामजी दास ऋषिदेव को मात दी थी.


फारबिसगंज सीट पर बीजेपी के विद्या सागर केसरी ने आरजेडी के क़त्यानंद बिश्वास को हराया था. वहीं अररिया सीट पर कांग्रेस के उबैदुर रहमान ने एलजेपी के अजय कुमार झा को हराया. जोकीहाट सीट पर जेडीयू के सरफराज आलम ने इंडिपेंडेंट कैंडिडेट राजनीति यादव को हराया था और सिकटी सीट पर बीजेपी के विजय कुमार मंडल ने जेडीयू के शत्रुघन प्रसाद सुमन को हराया था.


2104 के आम चुनाव में किसे मिला कितना वोट


आरजेडी के मोहम्मद तसलीमुद्दी को कुल वोटों का 41.81% वोट मिला था. नंबरों में ये वोट 4,07,978 बैठते हैं.
बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को कुल वोटों का 26.80% वोट मिला था. नंबरों में ये वोट 2,61,474 बैठते हैं.
जेडीयू के विजय कुमार मंडल को कुल वोटों का 22.73% वोट मिला था. नंबरों में ये वोट 2,21,769 बैठते हैं.
बीएसपी के अब्दुल रहमान को कुल वोटों का 1.82% वोट मिला था. नंबरों में ये वोट 17,724 बैठते हैं.
वहीं नोटा को कुल वोटों का 1.70% वोट मिला था. नंबरों में ये वोट 16,608 बैठते हैं.