मेडिकल जर्नल Lancet का दावा, दिल्ली की हवा बेहद खराब, दिल और फेफड़ों को कर सकती है बीमार
दिल्ली में बढ़ती सर्दी के साथ ही वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है. मेडिकल रिसर्च सामने आया है कि ये जहरीली हवा दिल और फेफड़ों के साथ-साथ लोगों के दिमाग पर हानिकारक असर डाल रही है. दिल्ली के डॉक्टर्स का मानना है कि जहां-जहां वायु प्रदूषण ज्यादा हैं, वहां ब्रेन स्ट्रॉक के मामले ज्यादा आ रहे हैं.
दिल्ली में मौसम में बदलाव के साथ ही वायु प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसे लेकर चिंता जता चुके हैं और इसमें सुधार के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन बढ़ती सर्दी के साथ हवा में जहर घुलता जा रहा है. ये जहर दिल और फेफड़े को नुकसान पहुंचा रही है. लेकिन एक शोध में आया है कि दिल्ली की ये हवाइ इसके साथ-साथ हमारे दिमाग पर हानिकारक असर डाल रही है.
मेडिकल जर्नल 'लैंसेट' के मुताबिक, जहां 2.5 पीएम का स्तर ज्यादा होता है, वहां ब्रेन स्ट्रॉक का खतरा बहुत ज्यादा होता है. इस रिपोर्ट से साफ होता है कि प्रदूषण सीधे-सीधे लोगों के दिमाग पर असर डाल रहा है. इस रिपोर्ट के आधारा पर दिल्ली के डॉक्टर्स ने जब रिसर्च की, उन्होंने पाया कि दिल्ली में जहां-जहां प्रदूषण का लेवल ज्यादा है, वहां पिछले साल के मुकाबले इस साल डेढ़ से दो गुना ज्यादा ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आए हैं.
दो तरह के स्ट्रोक
डॉक्टर्स की माने तो ये प्रदूषण के चलते ब्रेन स्ट्रॉक की बीमारी बहुत ही खतरनाक है. ये स्वस्थ से स्वस्थ शख्स को भी बिस्तर पर बैठा दे रही है. एक डॉक्टर्स ने एबीपी न्यूज से बात में कहा," जब से कोविड 19 की शुरुआत हुई है तब से स्ट्रोक के मामले बढ़ गए थे. दो तरह के स्ट्रोक कॉमन होते हैं - एक जिसमें ब्रेन में ब्लीडिंग होती है. दूसरा जिसमें ब्रेन में फ्ल्डयू फ्लो रुक जाता है. दूसरे किस्म के मामले कोरोना वायरस के बाद बढ़ते चले जा रहे हैं. बहुत केस ऐसे है जिसमें सर्जरी की जरूरत पड़ी."
कोरोना संक्रमितों के लिए ज्यादा खतरा
डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना वायरस के मरीजों में स्ट्रोक के खतरे ज़्यादा हैं. लैंसेट जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक जहां पार्टिक्यूलेट मैटर ( PM 2.5) ज़्यादा हैं वहां स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. दिल्ली में हुए ऑडिट के मुताबिक डॉक्टरों को यह समझ आया कि जहां पीएम ज्यादा है, वहां इस तरह के स्ट्रोक की शिकायतें ज़्यादा बढ़ गई हैं.
उपाय - ज्यादा से ज्यादा घर में रहें, एयर प्यूरीफायर से भी ज्यादा फायदा नहीं है.
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