Tejashwi Yadav: जमीन के बदले नौकरी के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले की सुनवाई अगले महीने के लिए टल गई है. बुधवार (12 जुलाई) को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन अब 8 अगस्त को सुनवाई होगी. चार्जशीट में तेजस्वी यादव के अलावा पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 14 लोगों का नाम भी शामिल है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि लैंड फोर जॉब स्कैम मामले में अभी लालू और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित विभाग से सेंक्शन नहीं मिला है, इसलिए चार्जशीट पर संज्ञान लेने की तारीख आगे बढ़ाई जाए. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 8 अगस्त तक के लिए टाल दी.
बीजेपी कर रही तेजस्वी के इस्तीफे की मांग
उधर, एक दिन पहले मंगलवार (11 जुलाई) को तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा सदस्यों ने बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा किया. इसके चलते विधानसभा स्थगित कर दी गई. मंगलवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए और तेजस्वी के इस्तीफे की मांग करने लगे. इस दौरान, विपक्षी सदस्यों में से कुछ ने रिपोर्टिंग स्टाफ के लिए रखी गई मेज को पलटने की कोशिश की और उस पर कुर्सियां रख दीं. इस मामले में तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद से बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से डिप्टी सीएम के इस्तीफे की मांग कर रही है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है उस वक्त लालू यादव केंद्र में रेल मंत्री थे. यादव परिवार पर आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में की गई नियुक्तियों के बदले उन्हें गिफ्ट में जमीन दी गई या फिर कम दाम पर जमीन बेची गई. इस केस में सीबीआई जांच कर रही है और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं की जांच ईडी कर रहा है.
इस मामले में 10 अक्टूबर को पहली चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने लालू यादव, मीसा भारती और राबड़ी देवी समेत अन्य आरोपियों को समन जारी किया था. इसके बाद 15 मार्च को राउज कोर्ट में पेशी के बाद यादव परिवार और अन्यों को बेल मिल गई थी. 3 जुलाई को सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट दाखिल की, जिसमें पहली बार तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया.
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