Land For Job Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया है कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए अमित कात्याल ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू यादव की ओर से उम्मीदवारों (Aspirants) से जमीनें हासिल की थीं.
केंद्रीय एजेंसी ने हाल ही में कात्याल को हिरासत में लिया था और फिर 11 नवंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कात्याल को 16 नवंबर तक हिरासत में भेज दिया.
एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया जमीनों का अधिग्रहण
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि जांच में पाया गया कि कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के निदेशक थे और इस कंपनी ने लालू यादव की ओर से उम्मीदवारों से जमीन हासिल करके उनका अधिग्रहण किया था.
'लालू यादव के घर के पते पर रजिस्टर है कंपनी'
एजेंसी ने बताया कि यह कंपनी D-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी नई दिल्ली के पते पर रजिस्टर है. यह लालू यादव और उनके परिवार का घर है. एजेंसी ने सोमवार (13 नंवबर) को अपने बयान में कहा कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तो अमित ने उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया और उन्होंने इन जमीनों को अपनी कंपनी के लिए हासिल किया और बाद में इन्हें लालू यादव के परिवार वालों को ट्रांसफर कर दिया.
'कंपनी ने लालू यादव के परिवार को ट्रांसफर की जमीन'
बयान में यह भी कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण के बाद कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर दिए गए थे. ईडी के मुताबिक, अमित कात्याल आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं और लगभग दो महीने से मामले में पूछताछ के लिए समन से बच रहे हैं.
'कंपनी ने स्कैम से लिया लाभ'
इससे पहले ईडी ने दावा किया था कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस घोटाले में कथित तौर पर लाभ हासिल किया था. ईडी ने यह भी दावा किया दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कंपनी के पंजीकृत पते का इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर की थीं.
यह भी पढ़ें- बृजभूषण सिंह के बयान पर भड़के बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट, '...आंखें दिखा रहे हो, हिसाब जरूर होगा'