Land for job Scam: जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुसीबतें बढ़ सकती है. ED ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि व्यवसायी अमित कत्याल ने अपनी कंपनी को बेहद कम पैसे में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव को बेच दिया था. 


ED ने दावा किया है कि व्यवसायी अमित कत्याल की कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने 2014 में मात्र ₹1 लाख का भुगतान करके अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन इस फर्म की संपत्ति की कीमत ₹63 करोड़ थी. अमित कत्याल को ईडी ने नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया था और दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें 17 सितंबर को अंतरिम जमानत दे दी थी. 


कोर्ट ने दायर चार्जशीट पर लिया संज्ञान 


दिल्ली की अदालत ने पिछले हफ्ते प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत अगस्त में दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया. अदालत ने एजेंसी के निष्कर्षों के आधार पर लालू के दूसरे बेटे तेज प्रताप यादव को भी इस मामले में तलब किया है. हालांकि ईडी ने उनका नाम नहीं लिया है. 


जानें क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला


लालू यादव पर आरोप है कि  2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के कई क्षेत्रों में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था. इसके बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम की थी. तब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे.


2014 में बीच दी थी कंपनी


सभी जमीन के कंपनी के नाम पर होने के बाद अमित कत्याल ने 13 जून, 2014 को कंपनी की 100% हिस्सेदारी राबड़ी देवी (85%) और तेजस्वी यादव (15%) को भेज दी थी, जिससे वे कंपनी के पास मौजूद जमीन के पूर्ण मालिक बन गए.