Land For Jobs Scam: कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी समेत अन्य आरोपियों को भेजा समन, नौकरी के बदले जमीन लेने का है मामला
Bihar News: सीबीआई ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पिछले साल अक्टूबर के महीने में चार्जशीट दाखिल की थी.
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Bihar Land For Jobs Scam: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के परिवार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. नौकरी के बदले जमीन लेने के घोटाले को लेकर दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई (CBI) की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. कोर्ट ने मामले में आरोपी पूर्व रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi), उनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य को सोमवार (27 फरवरी) को समन जारी किया है.
कोर्ट ने सभी आरोपियों को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा है. चार्जशीट में सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है. 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ था. कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए.
क्या है लालू यादव और उनके परिवार पर आरोप?
सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं. सीबीआई ने जांच के दौरान ये पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था.
नौकरी के बदले जमीन ली गई
यह भूमि प्रचलित सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी. सीबीआई के मुताबिक 2004 से 2009 की अवधि के दौरान, लालू प्रसाद ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी और आर्थिक लाभ प्राप्त किया था. पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे.
सीबीआई का क्या कहना है?
रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था. सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी.
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