Land Transfer Case: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच विवाद फिर बढ़ गया है. दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने आईएएस (IAS) आशीष मोरे और दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को भूमि हस्तांतरण मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार (6 जून) को समन भेजा. ये याचिका भूमि हस्तांतरण के आरोपों के संबंध में दाखिल की गई है.
पिछले साल झंगोला गांव में भूमि हस्तांतरण धोखाधड़ी के लिए पांच एसडीएम और एक एडीएम को निलंबित कर दिया गया था. इनके नाम अजीत ठाकुर, हर्षित जैन, देवेंद्र शर्मा, पीसी ठाकुर, नागेंद्र त्रिपाठी और नितिन जिंदल हैं. मामले में दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने फाइले मांगी थी, लेकिन सात दिन होने के बाद भी फाइलें प्रस्तुत नहीं की गई है.
मामला क्या है?
आशीष मोरे ने गांव में एक ही प्रकार की भूमि के हस्तांतरण के लिए उसी तरीके का उपयोग किया. सरकार से संबंधित विस्थापित संपत्ति को अवैध रूप से हस्तांतरित किया गया और लोगों को भूमिधारी अधिकार दिए गए आशीष मोरे ने उत्तरी जिला के डीएम रहते हुए उन अपीलों का फैसला किया जहां अवैध भूमि हस्तांतरण किए गए थे.
केंद्र के अध्यादेश का किया जिक्र
दिल्ली विधानसभा की एससी कमेटी ने स्पेशल विजिलेंस सेक्रेटरी राजशेखर को भी 6 जुलाई को शाम 4:45 पर पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वो कमेटी के सामने पेश नहीं हुए. उन्होंने कमेटी को लिखकर कहा, "नए अध्यादेश के बाद कमेटी के पास अधिकारियों को बुलाने का अधिकार नहीं. पारदर्शिता के लिए 2 हफ्ते बाद पेश हो सकता हूं.'' दरअसल राजशेखर के खिलाफ एक व्यक्ति ने नौकरी देने के मामले में जातिसूचक शब्दों के प्रयोग करने की शिकायत की थी.
बता दें कि हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार है, लेकिन इसे केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पलट दिया. इसके पीछे हवाला दिया कि दिल्ली देश की राजधानी है. इस कारण ऐसा जरूरी है.
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