श्रीनगर: 2020 का साल कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए काल बनकर आया है. इस साल विभिन आतंकी संगठनो के कई कमांडरों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय और विदेशी आतंकी मारे गए हैं. खास तौर पर दक्षिण कश्मीर के चार जिलों - अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में 90 से ज्यादा आतंकियों का सफाया किया गया जिस के बाद अब दक्षिण कश्मीर लगभग आतंकवाद मुक्त हो चुका है.


जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार दक्षिण कश्मीर में अब केवल 10-20 आतंकी सक्रिय हैं जो कि सुरक्षा बलों के डर से ऊपरी इलाकों के घने जंगलों में छुपने को मजबूर हो गए हैं और जो आतंकी अब गांव और देहात में आ रहे हैं, उनका सफाया हो रहा है. इस साल हुए 95 फीसदी एनकाउंटर दक्षिण कश्मीर में ही हुए हैं.


दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन करने के पीछे सुरक्षा बलों की दोहरी रणनीति थी - एक पिछले साल हुई सेब व्यापारियों और गैर-रियासती मजदूरों की हत्याओं जैसी घटनाओं को रोकना और दूसरा अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले इस रूट को सुरक्षित करना. अपने लक्ष्य में सुरक्षा बल काफी हद तक कामयाब हो चुके हैं. इसी लिए कोरोना के खतरे के बावजूद भी अमरनाथ यात्रा को जुलाई में शुरू करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने हरी झंडी दिखा दी.


पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने और राज्य के विभाजन के बाद जम्मू कश्मीर में सक्रिय सभी आतंकी संगठनों ने एलान किया था कि प्रदेश के बाहर से आने वाले सभी लोगों को अब निशाना बनाया जाएगा और इस के बाद करीब 100 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए.


मार्च के महीने में कोरोना के संक्रमण के चलते कुछ दिनों तक सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में कमी आई थी लेकिन बड़ी संख्या में आतंकियों के सरहद पार करके आने और स्थानीय लोगों पर होने वाले हमलों के बाद सुरक्षा बलों के ऑपरेशन तेज़ हो गए.


खतरे को देखते हुए सुरक्षा बलों ने नए दिशा निर्देश जारी कर ऑपरेशन को और ज्यादा कर दिया और निशाने पर खास तौर पर दक्षिण कश्मीर को रखा गया. जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह के अनुसार सुरक्षा बल इस समय एक दिन में 10-12 ऑपरेशन कर रहे हैं और बड़ी संख्या में आतंकियों का सफाया भी हो रहा है. पिछले तीन महीनों में 85 आतंकी मारे गए  और जून के अंत तक दक्षिण कश्मीर को आतंक मुक्त कर दिया जाएगा.


सुरक्षा एजेंसियों के जारी आंकड़ों के अनुसार जून महीने में अभी तक हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 41 आतंकियों को मार गिराया है. इस के साथ ही 2020 में मारे गए आतंकियों का कुल आकंड़ा 127 तक पहुंच गया है. मारे गए आतंकियों में से 108 आतंकवादी अकेले कश्मीर घाटी में मारे गए.


जम्मू कश्मीर पुलिस के कश्मीर जोन के आई विजय कुमार के अनुसार 2020 की शुरुआत में कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या 252 थी जो अब घाट कर 110 और 120 के बीच हो गई है. इस से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सुरक्षा बलों के ऑपरेशन कितने कामयाब रहे हैं.   इसी लिए अब सुरक्षा बलों ने अपनी नज़र उत्तरी कश्मीर के तीन जिलों - बारामुला, कुपवाड़ा और बांदीपुरा पर गाड़ दी है जहां 100 के करीब आतंकी सक्रिय हैं.


जम्मू कश्मीर के आजी विजय कुमार के अनुसार उत्तरी कश्मीर में ज़्यादातर सक्रिय आतंकी विदेशी हैं और उनकी ट्रेनिंग भी काफी तगड़ी है. इसी लिए यहां ऑपरेशन शुरू करने से पहले काफी तयारी करनी पड़ेगी. 2020 में सुरक्षा बलों को हुए नुकसान में सब से ज्यादा नुकसान उत्तरी कश्मीर में ही हुआ है. इस साल मारे गए 30 सुरक्षाकर्मियों में से 20 यहीं पर मारे गए.


गुरुवार सुबह सुरक्षा बलों ने सोपोर में दो आतंकियों को मार गिराया और यह उत्तरी कश्मीर में होने वाले ऑपरेशन की शुरुआत है. और दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के सफाये के बाद अब उत्तरी कश्मीर के आतंकियों की बारी है.


2020 में हर महीने कितने आतंकी मारे गए


जनवरी में 12, फरवरी में 11, मार्च में 9, अप्रैल में 29, मई में 15 और जून में 41 आतंकी ढेर हो गए हैं.


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