पुणे: पुणे आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र वाला शहर बन गया है. राज्य सरकार ने कल मौजूदा शहर की सीमा में 23 नए गांवों को शामिल करने के लिए पुणे नगर निगम (पीएमसी) की सीमाओं का विस्तार करने का आदेश जारी किया था. नई शहरी सीमाओं के साथ पुणे देश का सातवां सबसे बड़ा शहर भी बन गया है.
पीएमसी के पास8,370 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट
बीएमसी के 39,038 करोड़ रुपए के बजट की तुलना में पीएमसी के पास 2021-22 के लिए 8,370 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट है. राज्य के शहरी विकास विभाग ने पिछले साल 23 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर नए क्षेत्रों को शामिल करके पीएमसी की सीमाओं का विस्तार करने की घोषणा की थी.
कौन कौन से गांव हुए शामिल?
- पीएमसी सीमा में विलय किए गए 23 गांवों में-
- म्हालुंगे
- सुस
- बावधन बुद्रुक
- किर्कटवाड़ी
- पिसोली
- कोंढवे-धवाडे
- कोपरे
- नांदेड़
- खडकवासला
- मंजरी बुध्रुक
- नरहे
- होल्करवाड़ी
- औटाडे-हंदवाड़ी
- वाडाचिवाड़ी
- शेवालेवाडी
- नन्दोशी
- संडेवाडी
- शेवालेवाडी
- भीलारेवाड़ी
- गुजर निंबालकरवाड़ी
- जंभूलवाड़ी
- कोलेवाड़ी
- और वाघोली हैं.
इससे पहले 11 गावों को पीएमसी में मिलाया गया
हालांकि साल 2014 में राज्य सरकार ने 34 गांवों को पीएमसी सीमा में शामिल करने की अपनी मंशा की घोषणा की थी, लेकिन इस प्रक्रिया में देरी हुई और बॉम्बे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद साल 2017 में केवल 11 गांवों को पीएमसी में मिलाया गया. विलय किए गए 11 गांवों में लोहेगांव, मुंडवा, हडपसर, उत्तमनगर, शिवने, अम्बेगांव खुर्द, उंद्री, डायरी, अम्बेगांव बुद्रुक, फुरसुंगी और उरली देवाची शामिल थे.
साल 2014 में पीएमसी ने अनुमान लगाया था कि इन 34 गांवों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज नेटवर्क, सड़क निर्माण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर बुनियादी विकास कार्य करने के लिए 5,741 करोड़ रुपए की जरूरत होगी.
एक अधिकारी ने बताया, “मौजूदा बाजार की स्थिति के अनुसार इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास की अनुमानित लागत 9,000 करोड़ रुपए होगी. बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए एक मास्टर प्लान बनाना भी जरूरी है.’’