रामनाथपुरम: चीनी सैनिकों के साथ पूर्वी लद्दाख में शहीद हुए हवलदार के पलानी का ्अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके पैतृक गांव में आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ लोगों ने वीर सपूत को नम आखों से विदाई दी. उनके पार्थिव शरीर को कडाक्कालुर गांव में दफनाने से पहले बंदूक की सलामी दी गई.


शहीद जवान को दी गई नम आंखों से विदाई


इस मौके पर देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीद सैनिक के प्रति लोगों की आंखें नम रहीं. उनके परिवार सहित सैकड़ों लोगों ने गमगीन माहौल में श्रद्धांजलि दी. सशस्त्र बलों के अधिकारियों, जिलाधिकारी, पुलिसकर्मियों और जन प्रतिनिधि भी अंतिम संस्कार के मौके पर पहुंचे और पलानी के पार्थिव शरीर वाले ताबूत पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. अधिकारियों ने ताबूत से लिपटा तिरंगा उनके परिवार के सदस्यों को सौंपा, जिसके बाद ताबूत को दफनाया गया.


जिलाधिकारी ने परिजनों को सौंपा 20 लाख का चेक


जिलाधिकारी के वीरा राघव राव ने 20 लाख रुपये का चेक उनके परिवार को सौंपा. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के ऐलान के बाद उन्होंने ये चेक दिया. मुख्यमंत्री ने पलानी के परिवार को 20 लाख की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की थी.


गौरतलब है कि सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. सैन्यकर्मियों की शहादत पर पूरे देश में चीन के खिलाफ लोगों में उबाल देखा जा रहा है. लोग चीनी उत्पाद के बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं. 1975 के बाद 45 सालों में पहला मौका है जब सरहद पर चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारतीय जवानों को जीवन बलिदान देना पड़ा है.


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