PMLA कोर्ट में ED का खुलासा, कपूर परिवार की 78 कंपनियों ने किया लोन का फर्जीवाड़ा
राणा कपूर के वकील सतीश मानेशिंदे ने आरोप लगाया की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद प्रवर्तन निदेशालय पर दबाव है, जिसके चलते बली का बकरा बनाते हुए राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया.
मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी द्वारा गिरफ्तार यस बैंक के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन राणा कपूर को PMLA (Prevention of Money laundering ) कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया गया. PMLA कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ा खुलासा किया. प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में बताया की राणा कपूर जब बैंक के चेयरमैन थे, तब उन्होंने पूरे 30 हजार करोड़ का लोन पास किया था. जिसमें से अब तक 20 हजार करोड़ NPA (Non Performance Asset) घोषित कर दिए गए है. राणा कपूर और उसके परिवार के सदस्यों के नाम 78 कंपनिया हैं. ED को यह जांच करनी है कि जो लोन NPA हुए हैं, क्या उसमें कपूर परिवार की कंपनिया शामिल है ?
ED को शक है की NPA वाली अधिकतर कंपनी राणा के परिवार वालों की ही है. यस बैंक द्वारा दिए गए बाकी के 10 हजार करोड़ कहां हैं ? और किसको दिए यह भी जांच करनी है. ईडी ने रिमांड के लिए दलील दी कि यस बैंक के कई बड़े पदाधिकारियों के बयान लिए जाने बाकी हैं और उस विषय मे राणा कपूर से पूछताछ करनी है. ईडी का आरोप है कि यस बैंक द्वारा लोन पास किए गए उसके बदले राणा कपूर को किकबैक (फ़ायदा) मिला है. राना कपूर की बेटियों और पत्नी की कंपनी को फायदा पहुचाया गया है.
राणा कपूर के वकील के तौर पर सतीश मानेशिंदे ने जिरह की. सतीश मानेशिंदे ने ईडी कोर्ट में कहा की, राणा कपूर ने साल 2004 में बैंक की स्थापना की और आज बैंक की 12 हजार शाखाएं हैं, 24 हजार कर्मचारी काम करते हैं. जब राणा कपूर चेयरमैन थे, तब बैंक की पूंजी 93 हजार करोड़ थी और अब इसकी पूंजी 5 हजार करोड़ हो गई है. इतना ही नही RBI ने 50 हजार रुपये से अधिक की निकासी पर रोक लगा दी है. करीब 20 महीने पहले राणा कपूर के समय बैंक का NPA 1% था. सतीश मानेशिंदे ने आरोप लगाया की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद प्रवर्तन निदेशालय पर दबाव है, जिसके चलते बली का बकरा बनाते हुए राणा कपूर को गिरफ्तार किया गया. राणा कपूर के वकील सतीश मानेशिंदे ने यह भी आरोप लगाया कि वित्तीय अनियमितता की जांच के नाम पर रेड और पंचनामा अलग किया गया और CBI के FIR दर्ज करने के कुछ घंटों बाद ही ईडी ने CBI का आधार बताकर FIR दर्ज किया.
राणा कपूर के वकील शिंदे ने दस्तावेजों के साथ कोर्ट को 3 लोन के बारे में बताया. 26 फरवरी 2017 को बिंदु कपूर की कंपनी ने DHFL से 300 करोड़ का लोन लिया. 23 अप्रैल 2018 को कपूर परिवार की कंपनी ने DHFL से 300 करोड़ रुपये का लोन लिया. मई 2018 में कपूर बेटियों ने 600 करोड़ का लोन DHFL से लिया. पहले दो लोन 300-300 करोड़ के चुका दिए गए. सिर्फ बेटियों का लिया हुआ एक लोन चुकाया जाना बाकी है और इस प्रक्रिया में राना कपूर ने कोई फायदा नही लिया.
राना कपूर के वकील ने बताया कि बेटियों की कंपनी Doit अर्बन वेंचर इंडिया लिमिटेड कंपनी के लिए गए 600 करोड़ के लोन में से 130 करोड़ ब्याज समय पर चुकाया गया है. तीनों बहनों ने प्रॉपर्टी और निवेश गिरवी रखी है जो कि 600 करोड़ से ज्यादा है. कपूर बेटियों में हर एक कि संपत्ति 1750 करोड़ है, जो कि 5000 करोड़ के आस पास होती है और हर एक कपूर बहनों में से कोई भी अकेले लोन चुका सकता है. कपूर परिवार के सदस्यों के नाम 78 कंपनी हैं, जिसका समय समय पर ऑडिट होता है. इन कंपनी में इंटरनेशनल डिज़ाइन स्कूल ( International design school), हॉस्पीटैलिटी ( Hospitality ), ईको टूरिज़्म ( Eco tourism ) और हेल्थ केयर ( health care ) जैसी कंपनी हैं. ईडी के आरोप के मुताबिक यस बैंक ने DHFL को 3700 करोड़ लोन दिए. इसके लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग हुई, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने A+ कम्पनी को लोन पास किया उसके लिए सिर्फ राना कपूर जिम्मेदार कैसे ?
PMLA कोर्ट ने दोनों पक्षो की दलील सुनने के बाद राणा कपूर को 16 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है.
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