नई दिल्ली: आज देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव लिए वोट डाले जाएंगे लेकिन राजनीति के मैदान में सबकी नजरें बिहार पर भी टिकी होंगी. ABP न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बारे में फैसला किए जाने के आसार हैं.


तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज़ FIR से शुरू हुआ राजनीतिक संकट जल्द ही कोई नया मोड़ ले सकता है. सूत्रों के मुताबिक़ लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू-दोनों ही दोनों ही इस मामले में कोई फैसला करने के लिए राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने का इंतज़ार कर रहे हैं.


लिहाजा आज राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद तेजस्वी मामले में कोई निर्णय आ सकता है. नीतीश कुमार तेजस्वी को बर्खास्त कर सकते हैं या फिर तेजस्वी को इस्तीफा देना पड़ सकता है. ऐसी अटकलें तेज़ हैं कि तेजस्वी के इस्तीफे की हालत में आरजेडी नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है.


आरजेडी ने फिर किया तेजस्वी का बचाव


इस बीच आरजेडी ने रविवार को भी तेजस्वी यादव का जमकर बचाव किया. आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने  कहा, 'सीबीआई, ईडी और आईटी  तीनों एजेंसियां भाजपा के पते से चल रही हैं. नीतीश की छवि है तो तेजस्वी की भी छवि है पौने दो साल में एक भी आरोप नहीँ है. नीतीश जी गंभीर आदमी हैं वो तेजस्वी पर लगे आरोपों की सच्चाई जानते हैं.


खुद तेजस्वी यादव भी कैमरे के सामने आये तो देश में इमरजेंसी जैसे माहौल का हवाला देकर विपक्षी एकता की बात करते रहे. इस्तीफे से जुड़े सवालों को उन्होंने टाल दिया.


महागठबंधन में शामिल तीसरी पार्टी कांग्रेस भी चाहती थी कि राष्ट्रपति चुनाव तक कोई बड़ा फैसला न हो. ऐसे में ये भी देखना होगा कि राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस क्या करती है. कांग्रेस का अब तक यही कहती आ रही है कि बिहार में महागठबंधन हर हाल में कायम रहना चाहिए.


कांग्रेस भले ही नीतीश-लालू को साथ देखना चाहती हो, लेकिन क्या इसके लिए वो लालू यादव को बेटे का इस्तीफा दिलाने के लिए तैयार कर पायेगी? ये सवाल भी चर्चा में हैं कि क्या नीतीश कुमार की स्क्रिप्ट तय हो चुकी है? कहीं ऐसा तो नहीं कि तेजस्वी तो सिर्फ बहाना है और नीतीश को बीजेपी के साथ जाना है?