Patna Lathicharge: पटना लाठीचार्ज मामले में लोकसभा स्पीकर का एक्शन, डीएम और एसएसपी को किया तलब
Patna Lathicharge Latest News: सारण से बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल ने लोकसभा स्पीकर के पास शिकायत दर्ज कराई थी और खुद की पिटाई किए जाने की बात कही थी.
Lathicharge On BJP Leaders: बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज का मामला दिल्ली पहुंच गया है. लाठीचार्ज को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बड़ा एक्शन लिया है और पटना के जिलाधिकारी (Patna DM) चंद्रशेखर सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राजीव मिश्रा को तलब किया है.
13 जुलाई को राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान पटना पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. बिहार के सारण से बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल ने लोकसभा स्पीकर के पास शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि जनप्रतिनिधि होने के बावजूद साजिश के तहत उन्हें लाठियों से बुरी तरह पीटा गया था.
स्पीकर को दी गई शिकायत में सिग्रीवाल ने बताया था कि लाठीचार्ज के दौरान उन्हें मारने की साजिश रची गई थी. इस घटना में वह बुरी तरह घायल हो गए थे और उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में इलाज कराना पड़ा था.
30 अगस्त को अधिकारियों की पेशी
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने अपने ऊपर हुए हमले को घातक बताते हुए इसकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी, जिसके बाद उन्होंने पटना के डीएम और एसएसपी को दिल्ली तलब किया. दोनों को 30 अगस्त को दिल्ली में पेश होना है.
सिग्रीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सारी बात हो गई. 30 तारीख को अधिकारियों को तलब किया गया है, जहां उन्हें जवाब देना होगा. बीजेपी सांसद ने कहा, अगर कहीं भी विशेषाधिकार का हनन होता है तो उसका जवाब देना होगा.
क्या था मामला?
13 जुलाई 2023 को शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने मार्च निकाला था, जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता, विधायक और कार्यकर्ता शामिल थे. दोपहर में गांधी मैदान से विधानसभा मार्च की शुरुआत हुई. बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता डाकबंगला के पास पहुंचे थे, जहां मार्च को रोकने की पूरी तैयारी थी. यहां पुलिस के साथ झड़प हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन छोड़े.
पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल समेत कई नेताओं को रोका. सिग्रीवाल ने कहा कि हम युवाओं और किसानों की आवाज उठा रहे थे. नीतीश सरकार ने दबाने का प्रयास किया. शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हमें पीटा गया है.
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