Prayagraj Kumbh Mela 2025: एप्पल के दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज यात्रा शुरू की थी. उनका उद्देश्य साध्वी बनकर कल्पवास करना और सभी शाही स्नान में भाग लेना था. ये उनकी आध्यात्मिक यात्रा का एक अहम हिस्सा था, लेकिन यात्रा के दौरान वह अचानक बीमार पड़ गई. उन्हें निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में विश्राम करना पड़ा. स्वामी कैलाशानंद ने बताया कि लॉरेन ने पहली बार इतनी ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगह देखी जिसकी वजह से उन्हें एलर्जी हो गई.



स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन ने महाकुंभ के दौरान हमारी परंपरा और पूजा विधियों का अनुभव किया. वह भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से जुड़े कई सवाल पूछ रही थीं और हम उनके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. महाकुंभ में ये उनका पहला अनुभव था और उन्होंने बताया कि वह हमारी परंपरा को समझने के लिए बहुत उत्सुक हैं. लॉरेन ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन भी किए और 20 जनवरी को अमेरिका लौटने से पहले 15 जनवरी तक निरंजनी अखाड़ा में विश्राम करेंगी.


स्टीव जॉब्स का भारत से जुड़ा सपना


लॉरेन के भारत यात्रा के दौरान स्टीव जॉब्स की ओर से अपने बचपन के मित्र टिम ब्राउन को 1974 में लिखा गया पत्र अमेरिका में नीलामी में बिका. इस पत्र में स्टीव जॉब्स ने कुंभ मेला देखने के लिए भारत जाने की इच्छा जाहिर की थी. ये पत्र लगभग 4.32 करोड़ रुपये में बिका और इसने भारत और भारतीय संस्कृति के प्रति स्टीव जॉब्स की रुचि को उजागर किया.


लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ में लिया हिस्सा


लॉरेन पॉवेल जॉब्स रविवार (12 जनवरी) को स्वामी कैलाशानंद गिरि के आश्रम में पहुंची थीं और महाकुंभ में भाग लिया. 61 वर्षीय लॉरेन ने सोमवार (13 जनवरी) को नारंगी रंग का दुपट्टा ओढ़कर उत्सव में हिस्सा लिया. उन्हें हाल ही में निरंजनी अखाड़े ने 'कमला' नाम दिया जो हिंदू परंपरा के तहत उन्हें दिया गया एक नाम है.


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