Law Commission Chairman On Sedition Law: लॉ कमीशन ने देशद्रोह से निपटने वाली आईपीसी की धारा 124ए को कुछ सुरक्षा उपायों के साथ बरकरार रखे जाने की सिफारिश की है. कमीशन ने 1 जून को देशद्रोह कानून (Sedition Law) पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी थी.
इस मामले पर देशभर के नेताओं, पूर्व जज और अन्य लोगों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. अब लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी ने देशद्रोह पर कानून को बरकरार रखने की सिफारिश का बचाव करते हुए कहा कि भारत की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए यह जरूरी है.
'देशद्रोह कानून बरकरार रखना जरूरी'
ऋतुराज अवस्थी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "कश्मीर से केरल, पंजाब से पूर्वोत्तर तक के हालात के कारण देशद्रोह कानून को बरकरार रखना जरूरी हो गया है. राजद्रोह कानून का औपनिवेशिक विरासत होना इसे निरस्त करने का वैध आधार नहीं है. कई देशों में इस तरह के कानून है."
सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित किया था कानून
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल मई के महीने में देशद्रोह कानून को स्थगित कर दिया था. तब राज्य सरकारों से कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से इस कानून को लेकर जांच पूरी होने तक इस प्रावधान के तहत सभी लंबित कार्यवाही में जांच जारी न रखें. जो केस लंबित हैं, उन पर यथास्थिति बनाई जाए.
लॉ कमीशन की रिपोर्ट में क्या कहा गया था?
दरअसल, लॉ कमीशन ने देशद्रोह कानून पर गुरुवार (1 जून) को केंद्र को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें ये कहा गया है कि इस कानून को कुछ बदलाव के साथ बरकरार रखा जाना चाहिए. इसको निरस्त करने से देश की अखंडता और सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. धारा 124ए को इसके इसके दुरुपयोग से रोकने के लिए कुछ कुछ सुरक्षा उपायों के साथ बरकरार रखा जाना चाहिए.
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