UCC: नया विधि आयोग समान नागरिक संहिता की मांग पर कर सकता है विचार, जानें कितना बचा समय
Uniform Civil Code: 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को खत्म हो गया था. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि 22वां विधि आयोग इस मामले को उठा सकता है.
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Law Commission On Uniform Civil Code: गुजरात सरकार ने हाल ही में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने के लिए एक समिति का गठन करने की घोषणा की है. बीजेपी (BJP) ने चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी यूसीसी (UCC) को लेकर वादा किया है और केंद्रीय कानून मंत्रालय (Union Law Ministry) ने आखिरकार 22वें विधि आयोग (22nd Law Commission) के लिए अध्यक्ष समेत महत्वपूर्ण नियुक्तियां कर दी हैं. उम्मीद है कि समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग विस्तार से विचार कर सकता है.
सोमवार (7 नवंबर) देर रात कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने ट्वीट करते हुए कहा- कर्नाटक हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी विधि आयोग के अध्यक्ष होंगे. केरल हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति केटी शंकरन, प्रोफेसर आनंद पालीवाल, प्रोफेसर, डीपी वर्मा, प्रोफेसर राका आर्य और श्रीएम करुणानिधि को आयोग का सदस्य बनाया गया है.
नए विधि आयोग के पास मुश्किल से साढ़े तीन महीने?
विधि आयोग विभिन्न कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है. इसका कार्यकाल आमतौर पर तीन साल का होता है. नए विधि आयोग के पैनल को दो साल पहले यानी फरवरी 2020 में अधिसूचित किया गया था. आयोग के तीन साल का कार्यकाल का समाप्त होने में मुश्किल से साढ़े तीन महीने का समय बचा है. ऐसे समय में आयोग में हुईं नियुक्तियों से भारत सरकार की समान नागरिक संहिता को लेकर मंशा को लेकर अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में तैयार करने की कोशिश कर रही है.
बीजेपी लंबे समय से समान नागरिक संहिता के मुद्दे लेकर चल रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में बीजेपी ने इसे शामिल किया था. बीजेपी शासित राज्य- उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और गोवा समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कर चुके हैं.
UCC को लेकर कानून मंत्री का जवाब
पिछले साल जनवरी में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के एक सवाल के जवाब में किरेन रिजिजू ने संविधान के अनुच्छेद-44 का उल्लेख करते हुए बताया था कि सरकार भारत के पूरे क्षेत्र में लोगों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुरक्षित करने का प्रयास करेगी.
कानून मंत्री ने अपने जवाब में लिखा था कि समान नागरिक संहिता संबंधी मुद्दों की जांच करने और सिफारिशें करने का प्रस्ताव भारत के 21वें विधि आयोग को भेज दिया गया है. हालांकि, 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गया था. रिजिजू ने कहा था कि 22वां विधि आयोग इस मामले को उठा सकता है. वहीं, संसद को दिए एक जवाब में किरेन रिजिजू ने कहा था कि यूसीसी से संबंधित मुद्दों पर विधि आयोग की ओर से विचार किया जाएगा.
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