(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'...इसलिए, जिम्मेदार लोग न्याय देने में सक्षम नहीं हैं, कुछ वकील करोड़ों कमाते हैं', बोले कानून मंत्री किरेन रिजिजू
Law Minister On Lawyers: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि कुछ वकील करोड़ों कमाते हैं और कुछ के पास काम भी नहीं होता है. जिम्मेदार लोग न्याय देने में सक्षम नहीं है.
Kiren Rijiju On Lawyers: देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने वकीलों को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कुछ बड़े वकील हैं जो सभी बड़े केस ले लेते हैं और उनसे करोड़ों रुपये कमाते हैं. उन्हें उस पूरी जगह पर कब्जा नहीं करना चाहिए बल्कि छोटे वकीलों को भी मौका देना चाहिए और दूसरों के साथ भी मामलों को शेयर करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकील निचली अदालतो में भी जा सकते हैं. आखिर कोर्ट तो कोर्ट होता है.
एक कार्यक्रम में उन्होंने ये भी कहा कि न्याय मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के बारे में बात करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि कुछ वकील हैं जिनकी तारीख पहले आती है और कुछ ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि आप उन्हें कोई केस देंगे तो वो आपकी जीतने में मदद भी करेंगे. कुछ वकील ऐसे भी हैं जो एक पेशी के लिए 30 से 40 लाख रुपये चार्ज करते हैं तो कुछ वकील ऐसे होते हैं जिनके पास काम तक नहीं होता है. प्रावधान तो सभी के लिए एक समान हैं.
‘न्याय देने में सक्षम नहीं’
दरअसल, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू हरियाणा में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि अदालतों में इतने सारे केस पेंडिंग हैं. कुछ वकील तारीखें ही मांगते रहते हैं और कुछ ऐसे हैं जो उन्हें तारीखें दे भी देते हैं. इसलिए, न्याय देने के लिए जिम्मेदार लोग न्याय देने में सक्षम नहीं हैं.
There're so many pending cases in courts. Some lawyers keep on asking for dates&some judges even give them. So, people responsible for delivering justice aren't able to deliver justice:Union Law Minister at 16th National Conference of Akhil Bharatiya Adhivakta Parishad in Haryana pic.twitter.com/dFFsIAU0Ru
— ANI (@ANI) December 26, 2022
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद हरियाणा के कुरुक्षेत्र के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 26 से 28 दिसंबर तक अपना 16वां राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रही है, जिसकी थीम “75 साल के पुनरुत्थान भारत-कानून और न्याय की बदलती रूपरेखा” है. सम्मेलन में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के 500 से अधिक जिलों के लगभग 5000 वकील भाग लेंगे.
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