सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को मिली खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू बोले, 'गंभीर चिंता का विषय है'
कानून मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को मिली खुफिया एजेंसियों की गुप्त या संवेदनशील रिपोर्ट का सार्वजनिक हो जाना ‘गंभीर चिंता का विषय’ है. ऐसा नहीं होना चाहिए. मैं इस पर प्रतिक्रिया दूंगा.
Law minister Kiren Rijiju statements: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अदालत में जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को मिले खुफिया एजेंसियों के गुप्त इनपुट सार्वजनिक कर देना ‘गंभीर चिंता का विषय’ है. रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि खुफिया एजेंसियों रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ अंशों को सार्वजनिक मंच पर रखा गया, ऐसा करना गलत है.
गुप्त रिपोर्ट लीक होने पर कानून मंत्री ने जताई चिंता
कानून मंत्री ने कहा कि खुफिया एजेंसियां देश के लिए गोपनीय तरीके से काम करती हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है तो वे भविष्य में ऐसा करने से पहले दो बार सोचेंगी.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से जुड़े सवालों पर दिया जवाब
बता दें कि रिजिजू सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हाल ही में सार्वजनिक किए गए कुछ प्रस्तावों से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. इन प्रस्तावों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के जजों के पद के लिए सुझाए गए कुछ नामों के संबंध में आईबी और रॉ की रिपोर्ट के कुछ अंश शामिल थे. बताया जा रहा है कि कॉलेजियम ने खुफिया सूचनाओं को खारिज करते हुए इस महीने की शुरुआत में सरकार के सामने संबंधित नामों को फिर से दोहराया था.
एक दिन पहले कानून मंत्री ने कहा था कि जजों को उनकी नियुक्ति के बाद चुनाव या सार्वजनिक जांच का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन उन्हें लोगों देख रहे हैं है क्योंकि सोशल मीडिया के युग में कुछ भी छिपा नहीं है. आज रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हालिया बयानों से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के कुछ अंश सार्वजनिक होने पर चिंता जताई है.
कुछ समय पहले रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र भी लिखा था, हालांकि उनके पत्र की खबर तेजी से फैल गई और फिर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार न्यायपालिका पर दबाव बना रही है और इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में अपना प्रतिनिधि रखना चाहती है.
हालांकि, इन आरोपों पर सोमवार को दिल्ली में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया. रिजिजू ने कहा कि मुझे नहीं पता कि पत्र की बात कैसे सार्वजनिक हो गई, उसमें क्या लिखा था, इसे लेकर झूठी बातें कही जा रही हैं. क्या मैं अपने किसी व्यक्ति को कॉलेजियम में रख सकता हूं? ऐसी खबर के कोई सिर-पैर नहीं हैं.
उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति पर बोलते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा, “रॉ और आईबी की संवेदनशील या गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक मंच पर रखना गंभीर चिंता का विषय है. मैं समय आने पर इस पर उचित तरीके से प्रतिक्रिया दूंगा.”
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