नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक बयान की वजह से आज सियासी तूफान खड़ा हो सकता है. उन्होंने कल एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें पता है कि मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते हैं. उनका ये बयान मुस्लिमों को लेकर उनकी सोच को दिखा रहा है, हालांकि रविशंकर प्रसाद का दावा ये भी है कि बीजेपी मुस्लिमों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है.
रविशकंर ने कहा, "हमें कभी मुस्लिम वोट नहीं मिलते. हम इस बात को पूरी स्पष्टता से स्वीकार करते हैं लेकिन हमने उन्हें पूरी पवित्रता से स्वीकार किया है या नहीं? बीजेपी के 13 मुख्यमंत्री हैं. हम देश पर शासन कर रहे हैं, क्या हमने किसी नौकरीपेशा या व्यापार करने वाले सज्जन मुसलमान को प्रताड़ित किया है? क्या हमने उन्हें काम से हटाया है?"
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के दावे के बीच आपको बताते चलें कि पार्टी में दिग्गज मुस्लिम चेहरों के तौर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पार्टी प्रवक्ता शहनवाज़ हुसैन और विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर मौजूद हैं. यूपी की योगी सरकार भी बीजेपी का ही हिस्सा है और उस सरकार में भी एक मुस्लिम मोहसिन रजा मंत्री हैं. अब सवाल उठता है कि क्या कानून मंत्री के मुताबिक आम मुस्लिम के साथ साथ उनकी पार्टी के कद्दावार मुस्लिम चेहरा भी बीजेपी को वोट नहीं देते हैं?
नजमा हेपतुल्ला से लेकर शाजिया इल्मी तक तमाम मुस्लिम महिलाएं बीजेपी के साथ जुड़कर पीएम मोदी का हाथ मजबूत करने में जुटी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कानून मंत्री का ये बयान उन मुस्लिम नेताओं का अपमान नहीं है जो बीजेपी में हैं? रविशंकर प्रसाद का दावा है कि ये जानते हुए भी कि मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते हैं, उनकी पार्टी उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है. हालांकि बीजेपी के विरोधियों का दावा है कि बीजेपी की सियासत में मुस्लिमों के लिए कोई स्थान नहीं हैं.
हिंदुस्तान की राजनीति में लंबे अर्से तक बीजेपी को मुस्लिमों का विरोधी बताकर वोटबैंक की राजनीति होती रही है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव और यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कई मुसलमानों ने खुलकर दावा किया था को उन्होने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भी इन मुस्लिम चेहरों के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश की है लेकिन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके विश्वास पर सवालिया निशान लगा दिया है.