कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, कहा- मामले में बहुत कुछ छुपाया जा रहा है, अब आयेगा सामने
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सीबीआई को जांच सौंपने पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, सुशांत होनहार कलाकार था, वो सुसाइड नहीं कर सकता था. मैं उम्मीद करता हूं सच्चाई जल्द सामने आये.
नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिये सीबीआई जांच के आदेश के बाद देश भर में खुशी की लहर है. सुशांत के फैन्स हों, या उनका परिवार सभी इस फैसले से बेहद खुश दिख रहे है. वहीं, इस मामले पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि, मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को देखूं तो ये बात साफ होती हैं कि महाराष्ट्र सरकार सीआरपीसी की धारा 174 में सिर्फ स्वाभाविक मृत्यु की सीमित जांच कर रही थी. कोई औपचारिक एफआईआर नहीं दर्ज किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट की एक और टिप्पणी है कि जिस तरह से बिहार पुलिस को रोकने की कोशिश की गई उससे अनुसंधान के बोनाफाइड पर भी संदेह होता है. यह बहुत गंभीर मामला है दोनों पक्ष की ओर से टकराव की स्थिति है और सुशांत एक बहुत ही होनहार कलाकार था. उसकी जांच ईमानदारी से होनी चाहिए जिस पर लोगों को भरोसा हो कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग किया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि, मैं सुशांत सिंह राजपूत के पूरे परिवार की हिम्मत का अभिनंदन करता हूं. चाहे उनके पिताजी हों, उनकी चारों बहनें, या उनके रिश्तेदार हो उन्होंने बड़ी हिम्मत से अपनी पीड़ा को देश के सामने रखा है. साथ ही जिस तरह से पूरा देश एकजुट होकर सुशांत के परिवार के साथ खड़ा हो गया उसकी भी प्रशंसा करनी होगी. देश के लोग, मीडिया, भारत समेत दुनिया इस महान कलाकार की न्याय के लिए खड़ी हो गई. भारत के एक नागरिक के रूप में मुझे भी इस मामले पर चिंता है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपने का निर्णय देकर न्याय किया, यह न्याय की जीत है, बहुत बड़ी विजय है.
मैं राजनीतिक तूल नहीं देना चाहता, पर अवश्य चीजों को रोकने की कोशिश की गई है. सरकार स्वयं तय कर सकती थी कि केस सीबीआई को देना जाना चाहिए कि नहीं. मैं कहना चाहूंगा कि वह मेरे पटना शहर का था और मैं उसके घर गया था. उसके पिताजी से मिला उसकी बहनों से मैं मिला था. मेरे सामने उसकी श्रद्धांजलि पुस्तक आई थी. मैंने उसमें लिखी बात को पढ़ा था कि वो शाहरुख खान से भी आगे जा सकता था. मुझे जरा भी संदेह नहीं है कि छोटे शहर से आकर सुशांत जिस गति से आगे बढ़ रहा था यह भी संभव होता.
देश की पीड़ा है और इस कलाकार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. उसकी ईमानदारी से जांच होनी चाहिए. साथ ही मैं समझता हूं कि जिन लोगों ने इस जांच में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की है उनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. शरद पवार, उद्धव ठाकरे तमाम कांग्रेस नेता सभी की जांच होनी चाहिए.
मैं इतना कहना चाहता हूं अच्छा होता सरकार खुद इस मामले में कोशिश करती. लेकिन अब सीबीआई जांच में चीजें सामने आएंगी कि अनुसंधान में किस-किस को बचाने की कोशिश हो रही थी. आप मेरे पद की गरिमा को समझें मैं इतना कह रहा हूं कि ईमानदार जांच में रोड़े अटका ने की कोशिश क्यों हुई किस को बचाने की कोशिश हो रही थी. यह कोई छोटी स्वाभाविक मृत्यु नहीं थी, यह कैसे हुआ था कि देश का एक महान कलाकार जिसे हिमालय की चोटी पर जाना था सर्जना के लिए वह ऐसे चला गया.
महाराष्ट्र की राजनीति पर इसका असर पड़ेगा अब राजनीति को आगे बढ़ने दीजिए. आज का दिन हम यही आग्रह करेंगे कि भगवान उसकी आत्मा को शांति दे. सुशांत की आत्मा को आज जरूर सुकून मिला होगा इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसने अपनी कला की जो कुछ मानक स्थापित किए थे कि उनके साथ पूरा हिंदुस्तान पूरी दुनिया खड़ा हो गया. मैं कई मामलों में भावना की भी विजय मानता हूं.
रविशंकर प्रसाद से पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति बदल जाएगी? जिस पर उन्होंने कहा, कि राजनीति बदल जाएगी, राजनीति में देखिए क्या होता है मैं क्या कह सकता हूं. मैं बस इतना कहूंगा कि आज के दिन का में इंतजार कर रहा था, सुशांत बिहार का बच्चा था, मेरे शहर का बच्चा था, लेकिन इस सब से पहले वो देश का बच्चा था.
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