Parliament Budget Session 2022: विधि एवं न्यायमंत्री किरण रिजिजू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि यह पहला मौका है जब उच्चतम न्यायालय में चार महिला न्यायाधीश कार्यरत हैं जबकि न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की कुल संख्या 34 है. उन्होंने प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि यह पहला मौका है जब उच्चतम न्यायालय में चार महिला न्यायाधीश हैं और उनमें से तीन महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके कानून मंत्री बनने के बाद हुई है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 1098 है जिन पर 83 महिला न्यायाधीश कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का जोर इस बात पर है कि महिला न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि हो. रिजिजू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति देश के संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 224 के तहत की जाती है. उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है.
सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने का प्रयास करे सरकार
कानून मंत्री ने कहा कि सरकार मुख्य न्यायाधीशों से यह अनुरोध करती रही है कि उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय वह सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने का प्रयास करें ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों व महिलाओं के नामों पर भी विचार किया जाए.
एससी महिलाओं, दलितों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का नाम भेजने की अपील
रिजिजू ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कॉलेजियमों से व्यक्तिगत रूप से भी यह अनुरोध किया है कि नामों की सिफारिश करते समय महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के नामों को प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने कहा कि सरकार किसी नियुक्ति में जानबूझकर देरी नहीं करती लेकिन इसके लिए एक प्रक्रिया है और इसके साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि न्यायाधीश के रूप में नियुक्त रूप में होने वाले उम्मीदवार उस पद के लिए उपयुक्त हों.