'सख्त हों कानून, तभी महिलाओं के साथ अपराध पर लगेगी लगाम', कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर बोले हिमंत बिस्व सरमा
रांची में केंद्रीय मंत्री संजय सेठ के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए हिमंता बिस्व सरमा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए सख्त कानून की रविवार को स्वयं वकालत की.'
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए एक कड़े कानून की सोमवार (26 अगस्त, 2024) को वकालत की और इस तरह के कानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का स्वागत किया.
सीएम सरमा ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों में जांच, आरोप-पत्र, मुकदमा और दोषसिद्धि सहित सभी कानूनी प्रक्रियाएं छह महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए.
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करता हूं कि एक सख्त कानून की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'मेरा एकमात्र विचार यह है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में जांच, आरोप-पत्र, मुकदमा और दोषसिद्धि जैसी सभी प्रक्रियाओं के लिए छह महीने की समय सीमा तय की जानी चाहिए. तभी हम ऐसे अपराधों को कम कर पाएंगे.'
हिमंत बिस्व सरमा की यह टिप्पणी कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शनों के मद्देनजर आई है. रांची में केंद्रीय मंत्री संजय सेठ के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए सख्त कानून की रविवार को स्वयं वकालत की.' उन्होंने यह भी कहा कि कानून बनने के समय वह केंद्र को ये सुझाव देंगे.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि सोरेन भाजपा में शामिल हों, क्योंकि इससे राज्य में पार्टी को मजबूती मिलेगी. लेकिन वह इतने बड़े नेता हैं कि मैंने इस संबंध में उनसे कभी बात नहीं की.'
सोरेन सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए और हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में उनके साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने का प्रयास करेंगे. पीएम मोदी ने रविवार को महिलाओं के खिलाफ अपराध को अक्षम्य पाप करार दिया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में एक कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा देश की प्राथमिकता है. मैंने लाल किले से बार-बार इस मुद्दे को उठाया है. चाहे देश का कोई भी राज्य हो, मैं अपनी बहनों और बेटियों का दर्द और गुस्सा समझता हूं.'
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