Sidhu Moose Wala Murder Case: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Moose Wala Murder) के बाद अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. मूसेवाला की हत्या से पहले तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई और भांजे सचिन बिश्नोई को भारत से फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भगाने में कामयाब हो गया है. पुलिस के मुताबिक ये फर्जी पासपोर्ट दिल्ली रीजनल पासपोर्ट दफ्तर से बना था.
लॉरेंस के भाई अनमोल और सचिन का फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गैंग का साउथ दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश भी कर दिया है. एबीपी न्यूज़ के पास गैंगस्टर सचिन बिश्नोई के फर्जी पासपोर्ट की वो तस्वीर भी मौजूद है जिसके जरिए वो भारत से फरार हुआ.
फर्जी नाम से भागा था विदेश
इस पासपोर्ट में देख सकते हैं कि सचिन बिश्नोई का नकली नाम तिलक राज टुटेजा लिखा गया है. इसमें पिता का नाम भीम सिंह, हाउस नंबर 330, ब्लॉक F3 संगम विहार नई दिल्ली-110062 लिखा गया है. फेक पासपोर्ट के जरिए वो दुबई गया और सूत्रों की माने तो अब सचिन बिश्नोई अजरबैजान में है. जबकि जोधपुर जेल से बाहर आने के बाद लॉरेंस ने अपने भाई अनमोल का पासपोर्ट भानु प्रताप के नाम से बनवाया था उस पर फरीदाबाद हरियाणा का एड्रेस दिया था.
लॉरेंस बिश्नोई ने पूछताछ में खुलासा किया था जिसके बाद पंजाब पुलिस ने पासपोर्ट एक्ट में उसके खिलाफ FIR दर्ज की थी. अब आपको बताते हैं कि आखिरकार सिद्धू मुसेवाला की हत्या की साजिश रचने वाले लॉरेंस बिश्नोई के भाई और उसके भांजे का फर्जी पासपोर्ट कैसे बना.
क्या बोली दिल्ली पुलिस की डीसीपी?
साउथ दिल्ली की डीसीपी बिनीता मैरी जैकर ने बताया कि 29 मई को सिद्धू मुसेवाला की हत्या हुई जिसकी पूरी साजिश लॉरेन्स बिश्नोई के कहने पर उसके भाई अनमोल और भांजे सचिन बिश्नोई ने रची थी. इन दोनों ने ही शूटर्स अरेंज किए और उसके बाद फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश फरार हो गए.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि यह फर्जी पासपोर्ट साउथ दिल्ली में बनाए गए हैं इसके बाद साउथ जिले की पुलिस ने उन लोगों की तलाश करनी शुरू की जिन्होंने फर्जी पासपोर्ट बनाने में अनमोल बिश्नोई और सचिन बिश्नोई की मदद की थी.
कितने आरोपी किये गये गिरफ्तार?
साउथ जिले के स्पेशल स्टाफ ने फेक पासपोर्ट बनाने के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गये आरोपियों के नाम राहुल सरकार, नवनीत प्रजापति, अर्जित कुमार उर्फ महेश उर्फ सिद्धू पाजी, सोमनाथ प्रजापति हैं. पुलिस ने इनके पास से 1 पिस्टल, चार लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, डोंगल,आधार कार्ड, एक मर्सिडीज कार और एक अन्य कार बरामद की है.
पुलिस के मुताबिक ये फेक पासपोर्ट दिल्ली में बना था. साउथ दिल्ली के स्पेशल स्टाफ को पता चला कि यह पासपोर्ट दिल्ली के संगम विहार इलाके में बनाया गया था. राहुल सरकार नाम का एक शख्स जो कि संगम विहार का ही रहने वाला है वह फेक पासपोर्ट आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनाने में माहिर है.
कितने रुपये देकर बनवाया गया था पासपोर्ट?
पुलिस के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई के भांजे सचिन बिश्नोई का पासपोर्ट डेढ़ लाख रुपए देकर बनाया गया था जिस पर तिलक राज टुटेजा का नाम था. दरअसल राहुल सरकार नाम का शख्स जो फर्जी पासपोर्ट बनाने में माहिर है वो तिलक रॉज टुटेजा नाम के यहां रेंट पर संगम विहार में रहता था. राहुल ने तिलक राज के बिजली बिल का इस्तेमाल करके पहले सचिन बिश्नोई का फर्जी वोटर कार्ड बनाया, उसके बाद फर्जी आधार कार्ड बनाया और उसके बाद उसका फेक पासपोर्ट भी बनवा दिया.
पुलिस के मुताबिक राहुल सरकार के साथ-साथ सोमन्नाथ प्रजापति और नवनीत प्रजापति ने सचिन और अनमोल का पहले फेक वोटर कार्ड और फर्जी आधार कार्ड बनवाने में मदद की. पुलिस ने बताया कि नवनीत का अपना आधार सेंटर है, इन्होंने फर्जी आधार कार्ड बनाने में मदद की. फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए सौदा 15000 में हुआ. इस आधार कार्ड में फोटो सचिन बिश्नोई की थी और नाम तिलक राज का था.
किस तरह से बना फर्जी पासपोर्ट
पुलिस की मानें तो फर्जी आधार कार्ड बनवाने के बाद बदमाशों ने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया और पासपोर्ट दफ्तर से उनको 13 अप्रैल की तारीख मिली. सचिन विश्नोई खुद पासपोर्ट ऑफिस गया वहां उसने अपने फिंगरप्रिंट दिए और वापस आ गया पुलिस की मानें तो जब भी वेरिफिकेशन के लिए इनके पास फोन जाता था तब यह बताता था कि दिल्ली में नहीं है.
पुलिस की मानें तो तत्काल पासपोर्ट बनवाने में पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है और वेरिफिकेशन बाद में होती है. इसी वजह से सचिन विश्नोई का तिलक राज के नाम से फेक पासपोर्ट बन गया और ऐसे ही अनमोल का पासपोर्ट बना और दोनों विदेश निकल गए. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इनका एक और साथी इस पूरे कांड में शामिल है और उसका नाम सिद्धू पाजी था.
कौन है सिद्धू पाजी और कैसे यह इस केस में है इन्वाल्व्ड?
पुलिस ने अब इस सिद्धू पाजी की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस ने उसको अमृतसर से धर दबोचा. पुलिस ने बताया कि वह एक शातिर क्रिमिनल है और फेक पासपोर्ट बनाने, फेक वीजा बनाने में महारत हासिल है. फिलहाल इस मामले में वह पहले भी जेल जा चुका है. पुलिस की मानें तो लॉरेंस बिश्नोई ने यह काम सिद्धू पाजी को ही दिया था और सिद्धू पाजी ने इस काम के लिए राहुल सरकार की तलाश की और इसके बाद राहुल ने अपने बाकी साथियों के साथ मिलकर सचिन बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई का फर्जी पासपोर्ट बना डाला.
पुलिस के मुताबिक सिद्धू (Sidhu) पाजी 55 साल का है और इसके कई नाम है. इतना ही नहीं बड़ी गाड़ियों में घूमने का भी उसे काफी शौक है. अब सवाल ये कि दिल्ली के पासपोर्ट दफ्तर (Passport Office) से इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है कि किसी और के नाम, किसी और कि फोटो के नाम से पासपोर्ट जारी हो जाए और इसमे अंदर का कोई आदमी शामिल नहीं हो. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ के साथ पासपोर्ट दफ्तर के लोगों से भी पूछताछ कर सकती है.
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