लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) इस वक्त भारत में अपराध की दुनिया का सबसे बड़ा नाम है. देश-विदेश में हुई कई बड़ी हत्याओं में इसका नाम शामिल है. कहा जाता है कि जेल में बैठे-बैठे ये पूरी क्राइम की दुनिया पर राज करता है. चलिए, इस खबर में जानते हैं कि आखिर अपराध की दुनिया में अपनी जड़ें जमाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग पैसे का इंतजाम कहां से करता है. क्या यह गैंग सिर्फ एक्सटॉर्शन मनी से पैस कमाता है या कई और तरह के भी बिजनेस करता है.


क्लब और सट्टे का बिजनेस


एक्सटॉर्शन मनी के साथ-साथ लॉरेंस बिश्नोई गैंग क्लब और सट्टे से भी मोटा पैसा कमाता है. एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई ने बताया था कि उसके गैंग के मेंबर्स और सटोरियों के बीच सांठगांठ और वह लोग सट्टे के बिजनेस से मोटा पैसा कमाते हैं. वहीं, क्लब के बिजनेस के बारे में जब लॉरेंस बिश्नोई से पूछा गया तो उसने बताया था कि बैंकॉक का मनीष भंडारी, बैंकॉक और पटाया में मोजूद कई क्लबों का मालिक है और वहां से कमाए पैसे को वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग में लगाता है. यहीं से आए पैसों से लॉरेंस बिश्नोई गैंग हथियार खरीदता है और अपने शूटरों की जेब भरता है.


ऑनलाइन गेमिंग का बिजनेस


लॉरेंस बिश्नोई गैंग ऑनलाइन गेमिंग का भी बिजनेस करता है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई गैंग क्राइम से मिले पैसों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेमिंग के बिजनेस में कर रहा है. ऑनलाइन गेमिंग का पूरा सेटअप दुबई से ऑपरेट होता है. जबकि, भारत में इसके कर्ताधर्ता राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के बड़े बुकी हैं. ये लोग देश में युवाओं के बीच ऐप का प्रमोशन करते हैं और उसे संचालित करते हैं.


दिल्ली पुलिस को इस मामले में पुख़्ता सुबूत मिले थे कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गोल्डी बराड और रोहित गोदारा जैसे अपराधी गेमिंग ऐप के बिजनेस को भारत में तेजी से फैलाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.  आपको बता दें, दुनियाभर में ऑनलाइन गेमिंग का बिजनेस साल 2022 तक, 249.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था. वहीं, साल 2023 में यह बढ़कर 281.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो गया. अनुमान है कि साल 2030 तक, ऑनलाइन गेमिंग का मार्केट 665.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है.


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