भारत के सबसे बड़े गैंगेस्टर में शुमार हो चुका लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद होने के बाद भी हर वो काम कर लेता है, जो वो करना चाहता है. उसे फिरौती वसूलनी हो तो वसूल लेता है, उसे सलमान खान के घर फायरिंग करवानी हो तो करवा देता है, उसे बाबा सिद्दीकी की हत्या करवानी हो तो वो भी करवा देता है. वो हर काम जेल में बैठे-बैठे कर लेता है, जो किसी दूसरे अपराधी के बस की बात नहीं है, लेकिन सवाल है कि कैसे? और इसका जवाब दिया है खुद लॉरेंस बिश्नोई ने, जिससे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब तीन साल पहले पूछताछ की थी. इस दौरान उसने दिल्ली पुलिस को अपने नेटवर्क के बारे में जो भी बताया था, वो इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि लॉरेंस कितना शातिर है.


30 मार्च 2021 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई से लंबी पूछताछ की थी. इस पूछताछ के दौरान ही लॉरेंस बिश्नोई ने कबूल किया था कि वो खुद भले ही जेल में बंद है और उसका दोस्त गोल्डी बराड़ कनाडा में है, लेकिन उसके गैंग का हेडक्वार्टर थाईलैंड में है, जहां से वो ऑपरेट करता है. एबीपी लाइव के पास वो दस्तावेज मौजूद हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस की लॉरेंस बिश्नोई के साथ हुई पूछताछ का विस्तार से जिक्र है. इस दस्तावेज के मुताबिक-

2017 तक लॉरेंस बिश्नोई ने अपना गैंग इतना बड़ा कर लिया था कि उसके साथ अपराधियों की एक लंबी फेहरिश्त थी. इन्हीं अपराधियों में एक नाम था वीरेंदर उर्फ काला राणा का, जो लॉरेंस बिश्नोई का दोस्त हुआ करता था और जिसे लॉरेंस ने अपने गैंग में शामिल कर लिया था. 2017 में हरियाणा के यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलभाग से काला राणा का शराब के ठेकों और यमुना नदी से निकलने वाली बालू को लेकर झगड़ा हो गया था, जिसमें काला राणा ने पूर्व विधायक दिलभाग और उनके भाई को गोलियां मार दीं. इसके बाद पूरे इलाके में काला राणा की दहशत हो गई और वो लॉरेंस गैंग के लिए प्रोटेक्शन मनी वसूलने लगा.

इसके अलावा लॉरेंस बिश्नोई का एक और खास आदमी था, जिसका नाम है काला जठेड़ी. वही काला जठेड़ी जिसकी लेडी डॉन अनुराधा से शादी अभी हाल के दिनों में बेहद चर्चा में रही थी. तो इसी काला जठेड़ी का एक और खास गुर्गा था, जिसका नाम है राजकुमार उर्फ राजू बसोदी. 2018 में जब पंजाब पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ सख्ती शुरू की और उसके गैंग के लोगों का एनकाउंटर शुरू हुआ तो लॉरेंस ने तय किया कि अब भारत से गैंग को चलाना मुश्किल है.

दिल्ली पुलिस को दिए बयान में लॉरेंस बिश्नोई ने बताया था कि उसने वीरेंदर उर्फ काला राणा और राजकुमार उर्फ राजू बसोदी को थाइलैंड भेज दिया. नेटवर्क ऐसा तैयार किया कि भारत से उसके गैंग के किसी भी अपराधी को एक दूसरे से बात करनी हो तो वो सीधे बात नहीं करेंगे. लॉरेंस गैंग का मेंबर पहले राजकुमार उर्फ राजू बसोदी को फोन करेगा और फिर राजू बसोदी थाइलैंड से उस मेंबर को फोन करेगा, जिससे लॉरेंस गैंग के दूसरे मेंबर को बात करनी हो. लॉरेंस ने तय किया कि गैंग के मेंबर्स को एक दूसरे से बात करने के लिए राजू बसोदी को मीडिएटर के तौर पर हर हाल में रखना ही होगा और कोई भी एक दूसरे से सीधे बात नहीं करेगा. राजू बसोदी की गैरमौजूदगी में इस मीडिएशन का काम वीरेंदर उर्फ काला राणा के पास था.


राजू बसोदी और काला राणा ने मिलकर थाइलैंड में ही लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का एक तरह से कंट्रोल रूम स्थापित कर लिया. उसके बाद जितने भी अपराध लॉरेंस बिश्नोई ने करवाए, वो सब के सब वाया थाइलैंड ही अपराधियों तक पहुंचे. बाकी तो लॉरेंस की कहानी लंबी है और इस लंबी कहानी को भी लॉरेंस पुलिस के सामने सुना चुका है.


यह भी पढ़ें:-
शरद पवार को झटका, सुप्रीम कोर्ट का अजित पवार को चुनाव चिन्ह 'घड़ी' का इस्तेमाल करने से रोकने से इनकार