Lawrence Bishnoi:  बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद लॉरेंस बिश्नोई एक बार फिर चर्चा में आया है. लॉरेंस बिश्नोई की चर्चा के साथ-साथ उसकी उसने जो कत्ल करवाएं हैं उनकी की भी खूब चर्चा हो रही है, जिसमें सबसे बड़ा नाम है पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का. 


कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई सिद्धू मूसेवाला की किसी का सूरत में बस कत्ल करना चाहता था. दिल्ली ईस्ट के हाशिम बाबा ने मूसेवाला की टाइट सिक्योरिटी देख अपने हाथ खड़े कर लिए, लेकिन लॉरेंस मानने वाला थोड़े था. हाशिम गैंग के मना करने के बाद बिश्नोई ने तिहाड़ जेल से अपने दो इंची चाइनीज फोन के जरिए अपने भाई अनमोल और खास गोल्डी बराड़ को मूसेवाला को मारने को कहा था. उस समय दिल्ली समेत पूरे देश में फैले गुट दो हिस्सों में बंट गए थे. इसमें से एक लॉरेंस बिश्नोई का था तो वहीं दूसरा देवेंद्र बंबीहा का.


पुलिस को खुद बताई थी बात


एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई ने खुद इस बात को एक्सेप्ट किया था कि वह मार्च 2022 में उसे तिहाड़ जेल से टाइट सिक्योरिटी वाले जेल नंबर 8 में शिफ्ट कर दिया गया था. लॉरेंस बिश्नोई के साथ-साथ इस जेल में संपत नेहरा, हाशिम बाबा, रिंकू गेंदा लालस रोहित मोई और सोनू खरखरी बंद थे, जो उसे पहले से जानते थे. इन सभी के पास वह चायनीज दो इंची फोन था. इसी फोन के जरिए लॉरेंस बिश्नोई ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई से बात करके सिद्धू मूसेवाला को मारने की लिए गोल्डी बराड़ से कांटेक्ट करने को कहा था. 


बंबीहा गैंग की मदद करता था मूसेवाला - बिश्नोई


देश भर की गैंग्स दो हिस्सों में बंट गए थे और ये मामला तब ही शुरू हुआ. साल 2021 में बंबीहा गैंग के लोगों ने लॉरेंस बिश्नोई के सबसे बड़े बदमाश विक्की मिदुखेरा का कत्ल कर दिया था. विक्की के कत्ल के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने यह बात पुलिस को बताई थी कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला बंबीहा गैंग के कांटेक्ट में है और उन गैंग्सटर्स को पॉलिटिकल और फाइनेंशियल मदद करता था. इसके बाद में 2022 में लॉरेंस बिश्नोई ने गोल्डी बराड़, दीपक टीनू और मिंटू मुदस्या से मूसेवाला का कत्ल करने को कहा था. तारीख 29 मई 2022 को सतवीर सिंह उर्फ सैम ने बिश्नोई को फोन पर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की जानकारी दी. 


गोल्डी बराड़ के कहने पर शूटरों को दी गई थी एके-47


मूसेवाला की हत्या के लिए लॉरेंस बिश्नोई ने बुलंदशहर के खुर्जा से 8 लाख रुपयों में एके-47 खरीद कर गाजियाबाद के रोहित चौधरी के पास रखवाई थी. उसके बाद गोल्डी बराड़ के ऑर्डर पर शूटरों को सौंप दी गई.


एक दशक में नए गैंग्स्टर बने


रिपोर्ट्स की मानें तो बीते एक दशक में दिल्ली के कई बाहरी जिलों जैसे द्वारका, साउथ वेस्ट के इलाकों में कई गैंगस्टर उभर कर सामने आए हैं. इनका काम जमीन हड़पना, जबरन वसूली करना, धमकी देना और अपने कंपीटीटर गैंग से भीड़ जाना होता है.


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