'जब सलमान खान पर काले हिरन के शिकार का आरोप लगा, तब लॉरेंस बिश्नोई पांच साल का था. 25 साल उसने अपनी नाराजगी को पकड़ कर रखा और अब जब वह 30 साल का हो गया है तो उसके जीवन का मकसद काले हिरन की हत्या का बदला लेना है...', फिल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने सोमवार (14 अक्टूबर, 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह पोस्ट लिखा था. 


लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी, 1993 को हुआ था और जब सलमान खान का चिंकारा केस चर्चाओं में आया तब वब सिर्फ पांच साल का था. उस दौरान सलमान खान सूरज बड़जातिया की फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग कर रहे थे. फिल्म की कुछ शूटिंग राजस्थान के जोधपुर में भी हुई थी. 27-28 सितंबर की रात को घोड़ा फार्म हाउस में चिंकारा का शिकार किया गया और इसका आरोप सलमान खान पर लगा. इसके बाद 1 अक्टूबर को फिर से कांकाणी गांव में काले हिरन का शिकार हुआ और वहां के कुछ स्थानीय लड़कों ने कहा कि शिकार करने वालों में सलमान खान शामिल थे.


बिश्नोई समाज की काले हिरन की पूजा करते हैं. उनकी मुख्य पहचान ही यही है कि वह पेड़-पौधों और जानवरों के संरक्षण के लिए काम करते हैं और उनकी पूजा करते हैं. बिश्नोई समाज गुरु जम्बेश्वर के बताए 29 सिद्धांतों को मानता है, जो पेड़-पौधों और पशुओं के संरक्षण की बात करते हैं. बिश्नोई समाज की अमृता देवी की कहानी भी काफी प्रचलित है, जिन्होंने खेजरली  पेड़ों को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था और उनके साथ बिश्नोई समाज के 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी गर्दन कटवा दी थी. 

चिंकारा हिरन की एक प्रजाति है. इसी प्रजाति के हिरन का सलमान खान ने शिकार किया था. हिरन की चिंकारा प्रजाति को इंटरनेशनल यूनियन फोर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) ने रेड लिस्ट में रखा है क्योंकि यह विलुप्ट हो रही है. आईसीयूएन के 2001 के डेटा के अनुसार थार रेगिस्तान इलाके में कुल 80 हजार चिंकारा हैं. 


द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार काला हिरन शिकार मामले में सलमान खान के खिलाफ 4 अलग-अलग केस दर्ज हुए थे. भवाद में दो और घोड़ा फार्म्स में एक चिंकारा के शिकार के लिए दो अलग-अलग मामले दर्ज हुए. एक केस कांकाणी में दो काले हिरन के शिकार के लिए और चौथा मामला लाइसेंस खत्म होने के बार भी रायफल और रिवॉल्वर रखने का था.


एक मामले में 12 अक्टूबर, 1998 को पहली बार सलमान खान की गिरफ्तारी हुई और पांच दिन बाद उन्हें रिहाई मिल गई. 17 फरवरी, 2006 को सीजेएम कोर्ट ने उन्हें दोषी करारे दे दिया और एक साल की सजा सुनाई. हालांकि, हाईकोर्ट ने उन्हें बेल दे दी. दूसरे मामले में 10 अप्रैल, 2006 को सलमान खान को सीजेएम कोर्ट ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई. उस वक्त उन्हें 6 दिन के लिए जेल में रहना पड़ा और फिर वह हाईकोर्ट से बरी हो गए. सेशन कोर्ट ने उनकी सजा बरकरार रखी और उन्हें 26 से 31 अगस्त, 2007 तक जेल में रहना पड़ा था.


तीसरा केस आर्म्स एक्ट का था, जिसमें सलमान खान पहले ही बरी हो गए थे. चौथे और आखिरी हिरन शिकार मामले में जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई. हालांकि, उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके साथ जमानत मिल गई.


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