मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद ये बात तो तय है कि गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई का सबसे बड़ा जानी दुश्मन कोई है, तो वो हैं सलमान खान. इस अपराध जगत में कम से कम पांच ऐसे भी बड़े गिरोह हैं, जिनके निशाने पर खुद लॉरेंस बिश्नोई है और अगर वो कभी जेल से बाहर आता है तो गैंग उसपर हमला करने में वक्त नहीं लगाएंगे. तो आखिर कौन हैं वो अपराधी, जो लॉरेंस बिश्नोई को मारना चाहते हैं, बताएंगे विस्तार से.


लॉरेंस बिश्नोई का अगर कोई सबसे बड़ा दुश्मन है तो वो है सुखप्रीत सिंह बु्ड्ड. सुखप्रीत सिंह बुड्डा के गैंग का नाम है बंबीहा गैंग, जो लॉरेंस बिश्नोई का दु्श्मन है. आमने-सामने की मुठभेड़ों में कभी लॉरेंस बिश्नोई ने बंबीहा गैंग के लोगों को मारा है तो कभी बंबीहा गैंग ने लॉरेंस बिश्नोई के लोगों को. जब लॉरेंस बिश्नोई के साथी अमित शरण की हत्या हुई तो उसके बाद सुखप्रीत सिंह बुड्ढा और लॉरेंस बिश्नोई एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए. सुखप्रीत सिंह बुड्ढा अभी कपूरथला जेल में बंद है.


खालिस्तान समर्थक सुखप्रीत को साल 2019 में आर्मेनिया में गिरफ्तार किया गया था. इंटरपोल के जरिए उसे भारत लाया गया और तब से वो जेल में ही बंद है. वहीं, आर्मेनिया में ही बैठा लकी पटियाल भी बंबीहा गैंग से ही जुड़ा है और वो भी खुद को बंबीहा गैंग का मुखिया मानता है. भारत में उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित है. लिहाजा वो भी लॉरेंस का दुश्मन है. लॉरेंस ने उसको मारने के लिए सचिन थापन और रोहित गोदारा को आर्मेनिया भेजा था. ये वहीं दो शूटर थे, जिन्होंने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की थी, लेकिन लॉरेंस के गुर्गे लकी पटियाल को मार नहीं पाए. मारने से पहले ही सचिन थापन अजरबैजान में सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया और फिर इंटरपोल की मदद से उसे भारत की जेल में लाकर बंद कर दिया गया.

लॉरेंस बिश्नोई का एक और दुश्मन है कौशल चौधरी. कौशल चौधरी के बारे में कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई के साथी विक्की मिद्दूखेड़ा को मारने वालों को हथियार कौशल चौधरी ने ही मुहैया करवाए थे. इसी विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई. और सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद इसी कौशल चौधरी ने लॉरेंस बिश्नोई को खुलेआम धमकी दी थी कि अब वो लॉरेंस बिश्नोई की भी हत्या करेगा. इससे पहले भी कौशल चौधरी ने लॉरेंस बिश्नोई के एक करीबी बिजनेसमैन के घर इंग्लैंड में फायरिंग करवाई थी और घर के बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी थी.

लॉरेंस बिश्नोई के दुश्मनों की फेहरिस्त में चौथा बड़ा नाम नीरज बवाना का भी है. उसका असली नाम नीरज सहरावत है, लेकिन वो रहने वाला बवाना गांव का है तो खुद को नीरज बवाना ही कहता है. उसे दिल्ली का दाउद भी कहते हैं, लेकिन ये भी लॉरेंस बिश्नोई का जानी दुश्मन है, जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. बाकी लॉरेंस बिश्नोई का एक और दुश्मन है जग्गू भगवानपुरिया जो कभी लॉरेंस का दोस्त हुआ करता था. वो जेल में है, लेकिन जब लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई और इस केस की जांच में जुटी पुलिस ने जग्गू भगवानपुरिया से पूछताछ की तो उसने लॉरेंस बिश्नोई का नाम लिया, जिससे लॉरेंस भड़क गया और तभी से दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई.

बाकी तो और भी कई छोटे-बड़े गैंगेस्टर हैं जो हर हाल में लॉरेंस बिश्नोई को मारना चाहते हैं, लेकिन जेल में बद लॉरेंस बिश्नोई जेल से बार निकलता ही नहीं है. लिहाजा उसके ऊपर किसी तरह का कोई हमला भी नहीं हो पाता. लॉरेंस भी ये बात जानता है कि उसके पास भले ही 700 शूटरों की फौज है, लेकिन उसके दुश्मनों की संख्या उसकी फौज से कहीं अधिक है. लिहाजा बिना किसी केस में सजा हुए वो जेल में बंद है और कभी जमानत के लिए वो कोर्ट में अपील भी नहीं करता है.


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