नई दिल्ली:अंबाला में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने गुरुवार को एक महिला पर तेजाब फेंक दिया जिससे उसका चेहरा जल गया. महिला को पहले सदर अस्पताल ले जाया गया जहां से डॉक्टरों ने उसे पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ रेफर कर दिया. महिला की हालत नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने बताया कि महिला अंबाला के एक सरकारी दफ्तर में काम करती है. घटना के वक्त वह दफ्तर से घर लौट रही थी. रास्ते में मोटरसाइकिल सवार नकाबपोश दो लोगों ने उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया और फरार हो गए.

इस तरह की घटना का यह कोई पहला मामला नहीं है. महिलाओं को समाज में कई तरह के हिंसा से गुजरना पड़ता है. एसी ही हिंसा का एक भयानक रूप है एसिड अटैक. अपराधी एक क्षण में एसिड फेंक कर किसी महिला या लड़की की पूरी जिंदगी खराब कर देता है. एसिड पीड़िता के दर्द और सर्जरी के दौरान होने वाली तकलीफ का अंदाजा हम कभी नहीं लगा सकते. अपने साथ हुए इस क्रूर व्यवहार के बाद भी वह साहस करती है और अपने भविष्य को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करती है.

एसिड अटैक को रोकने के लिए हमारे देश में कई तरह के सख्त कानून बने हैं. आज हम आपको उन्हीं कानूनों के बारे में बताने जा रहे हैं. पहले एसिड अटैक के मामले में आईपीसी की धारा में कोई अलग से प्रावधान नहीं था बल्कि आईपीसी की धारा 326 (गंभीर रूप से जख्मी करना) के तहत ही मामला दर्ज होता था. पुराने कानून के मुताबिक 10 साल या उम्र कैद की सजा का प्रावधान था.

क्या है एसिड अटैक को लेकर बना नया कानून

एसिड अटैक को लेकर कानून को सख्त बनाने के लिए आईपीसी की धारा 326 में कुछ बदलाव किया गया. बदलाव के बाद 326 Aऔर 326 B अस्तित्व में आया.

क्या है आईपीसी की धारा 326 A

आईपीसी की धारा 326 a में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने जानबूझ कर किसी अन्य व्यक्ति पर तेजाब फेंकी और उसे स्थाई या आंशिक रूप में नुकसान पहुंचाया तो इसे एक गंभीर जुर्म माना जाएगा. अपराध गैर जमानती होगा. दोषी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है. 326 A में यह भी प्रावधान है कि दोषी पर उचित जुर्माना भी होगा और जुर्माने की रकम पीड़िता को दिया जाएगा.

आईपीसी की धारा 326 B

इस धारा का संबंध एसिड अटैक के प्रयास से है. इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति ने अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर तेजाब फेंकने का प्रयास किया है तो यह एक संगीन अपराध है. यह अपराध गैर जमानती है. इसके लिए दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है और दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने का आदेश

ऐसिड अटैक को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वह ऐसिड की बिक्री को रेग्युलेट करने के लिए कानून बनाएं. अटैक की शिकार महिला को इलाज और पुनर्वास के लिए 3 लाख रुपए का मुआवजा देने का प्रावधान भी है.

एसिड पीड़िता को कितना मिलता है मुआवजा

एसिड अटैक के मामलों मे मुआवजा राशि सात लाख रुपए है. इस राशि को नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएलएसए) ने तय किया है.

पाकिस्तान में एसिड अटैक के मामले आतंकवादी निरोधी अदालत में चलते हैं

एसिड अटैक के मामले को पाकिस्तान सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है. वहां ऐसे मामले आतंकवादी निरोधी अदालत में चलती है. वहां एसिड अटैक के दोषियों को 10 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान है.