मज़दूरों को अपने राज्य में मिले रोज़गार, लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए दर्ज मुकदमे रद्द हों: सुप्रीम कोर्ट
लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौटें हैं. ऐसे में सुप्रीम कार्ट का कहना है कि उन्हें उनके ही राज्य में रोजगार देने का प्रबंध किया जाए. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने जानकारी दी कि अब तक एक करोड़ से ज्यादा मजदूर अपने-अपने राज्य में लौट चुके हैं.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जो मजदूर लॉकडाउन के दौरान अपने राज्य में लौटे हैं, उन्हें वहीं पर रोजगार दिया जाए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो मजदूर अपने कार्यस्थल वाले राज्य में फिर से जाना चाहते हैं, उनकी भी सहायता की जाए. मजदूरों के ऊपर लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए दर्ज मुकदमे वापस लेने पर विचार होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने राज्य वापस लौटने के लिए परेशान मजदूरों की स्थिति पर खुद ही संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है. कोर्ट के दखल के बाद मजदूरों को वापस भेजने की प्रक्रिया में काफी तेजी आई. पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने जानकारी दी कि अब तक एक करोड़ से ज्यादा मजदूर अपने-अपने राज्य में लौट चुके हैं. आज इसी मसले पर जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एम आर शाह को बेंच ने कई और अहम निर्देश जारी किए.
कोर्ट ने कहा है :-
* केंद्र और राज्य उन प्रवासी मजदूरों की पहचान करें जो अपने राज्य में वापस लौटना चाहते हैं. 15 दिनों के भीतर उन्हें वापस भेज दिया जाए.
* किसी राज्य की तरफ से विशेष श्रमिक ट्रेन की मांग करने पर रेलवे 24 घंटे के भीतर उसे उपलब्ध कराए.
* अपने गांव वापस लौटे मजदूर जिन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं, उनकी जानकारी व्यापक प्रचार के ज़रिए उन तक पहुंचाएं.
* वापस लौटे मजदूरों की विस्तृत लिस्ट तैयार की जाए. इसमें उनके नाम के साथ यह बात भी दर्ज हो कि वह लॉक डाउन से पहले किस तरह के रोजगार में लगे थे.
* गांव के स्तर पर जाकर वापस लौटे मजदूरों का आंकड़ा जुटाया जाए.
* सबसे पहले उन मौजूदा योजनाओं की पहचान की जाए, जिसके तहत वापस लौटे मजदूरों को तुरंत रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. साथ ही, भविष्य में उन्हें रोजगार देने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर उस पर अमल शुरू किया जाए.
* उन मजदूरों की भी लिस्ट बनाई जाए, जो अपने कार्यस्थल वाले प्रदेश में फिर से जाना चाहते हैं. उनकी काउंसिलिंग की जाए ताकि वह बीमारी के बाद के बदले हुए हालात को समझ सकें. साथ ही, उन्हें फिर से अपने प्रवास वाले राज्य में लौटने के लिए जरूरी सहायता दी जाए.
* डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत जिन मजदूरों के ऊपर लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए मुकदमे दर्ज हुए हैं, उन्हें वापस लेने पर विचार किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वह अभी मामले की सुनवाई जारी रखेगा. कोर्ट ने राज्यों से मज़दूरों के पूरे आंकड़े जुटा कर उनके रोज़गार के लिए काम करने के लिए कहा है. सभी राज्यों को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
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