Lawyer Gay Couple Exchanged Ring In Supreme Court: भारत में समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को मंजूरी देने से इनकार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक समलैंगिक लॉयर गे कपल (Gay Lawyer Couple) ने अनोखे तरीके से विरोध जताया है. इन्होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर के सामने ही एक दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की है और कहा है कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी. कपल में से एक का नाम अनन्य कोटिया है, जबकि दूसरे का नाम उत्कर्ष सक्सेना है. दोनों ने बुधवार (18 अक्टूबर) को एक दूसरे को अंगूठी पहनाई है.


अनम्य कोटिया ने उत्कर्ष को सुप्रीम कोर्ट के सामने घुटनों पर बैठकर प्रपोज किया और अंगूठी पहनाकर सगाई की. उन्होंने तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर भी शेयर की, जिसने सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान अपनी और खींचा है.  





सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता है कपल, लंदन से की है पढ़ाई

खास बात ये है कि अनन्य और उत्कर्ष दोनों ही सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और समलैंगिक विवाह की मंजूरी के लिए याचिका लगाने वालों में शामिल थे. उत्कर्ष सक्सेना ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी हैं, जबकि उनके पार्टनर अनन्य लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी हैं.


सामान्य कपल्स की तरह रोमांटिक रहा है रिश्ता
दोनों की मुलाकात डीयू में हंसराज कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी. अनन्य कहते हैं, "हमारी मुलाकात डिबेटिंग सोसायटी के जरिए हुई. उसके बाद हम एक-दूसरे के करीब आते गए. हमारा प्यार परवान चढ़ा और हमने इसे सहज तरीके से स्वीकार किया. यह उस दौर की बात है, जब समलैंगिकता को भारत में सामाजिक अपराध की नजर से देखा जाता रहा है."


अनन्य कहते हैं, "हमारा रिश्ता हर एक रोमांटिक लव स्टोरी के जैसे ही शुरू हुआ और वैसा ही चल रहा है. भले ही हम एक-दूसरे के साथ बेहद सहज हैं, लेकिन इस दुनिया के आगे स्वीकार करना आसान नहीं. लंबे समय तक हमने इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताया."


सुप्रीम कोर्ट के फैसले से झटका
उत्कर्ष कहते हैं, "हमने हमेशा लोगों को यही बताया कि हम बहुत अच्छे दोस्त हैं. हम होमोसेक्सुअलिटी को अपराध के दायरे से बाहर किए जाने के फैसले के इंतजार में हैं ताकि हम शादी करने के अपने अधिकार का दावा कर सकें, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हमें झटका लगा है."


उन्होंने कहा, "हमने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है और एक बार फिर एक दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई के जरिए हमने यह तय किया है कि जिस सुप्रीम कोर्ट में हमारे अधिकारों को स्वीकार करने से इनकार किया गया है, वही से हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी.


सुप्रीम कोर्ट तक यह फैसला


सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 अक्टूबर 2023) को ऐतिहासिक फैसले में सेम सेक्स मैरिज या समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया. 5 जजों की पीठ ने यह फैसला सुनया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल रहे.


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