अदालत में जींस पहनने को उचित ठहराने पर HC ने वकील को फटकारा, कहा- कल को पायजामा पहनकर आ जाओगे
Court News: कोर्ट में जींस पहनकर आने पर न्यायाधीश ने उसे अदालत परिसर से निकलवा दिया था. वकील ने इस पर नियमों की दलील दी कि जींस को बाहर नहीं रखा गया है. कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन से इनकार कर दिया.
Gauhati High Court Case: गौहाटी हाई कोर्ट ने हाल ही में अदालत परिसर में जींस पहनकर आने संबंधी मुद्दे पर पिछले साल पारित एक आदेश में कोई संशोधन करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने पिछले साल एक वकील के जींस पहनकर आने पर उसे परिसर से बाहर निकलवा दिया था.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस कल्याण राय सुराणा ने वकील बिजन कुमार महाजन की ओर से उसके आचरण को सही ठहराने का प्रयास करने पर उसकी खिंचाई की.
वकील ने इस आधार पर पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी कि जींस को गौहाटी हाई कोर्ट के नियमों के तहत स्पष्ट रूप से बाहर नहीं रखा गया है, भले ही उसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के नियमों के तहत बाहर रखा गया हो.
कोर्ट ने कहा कि महाजन 27 जनवरी 2023 को पारित आदेश में संशोधन के लिए आवेदन के माध्यम से कई समस्याओं का पिटारा खोलने का प्रयास कर रहे हैं.
जींस पहनने की दलील पर क्या कहा हाई कोर्ट ने?
हाई कोर्ट ने कहा, ''अगर जींस अदालत में पहनी जा सकती है तो आवेदक अगली बार पूछ सकता है कि उसे फैशनेबल माने जाने वाली फटी जींस, फेडेड जींस, प्रिंटेड पैच वाली जींस में अदालत में पेश होने की अनुमति क्यों नहीं दी जाएगी या उसे केवल इसलिए ब्लैक ट्रैक पैंट या ब्लैक पायजामे में पेश होने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि गौहाटी हाई कोर्ट के नियमों ने विशेष रूप से उन्हें बाहर नहीं रखा है.''
कोर्ट ने कहा कि न्यायालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया, बार काउंसिल ऑफ असम, नागालैंड, आदि जैसे उचित और आवश्यक पक्षों के साथ-साथ इस न्यायालय को नोटिस दिए बिना इस मुद्दे पर निर्णायक रूप से निर्णय लेने से परहेज करता है.
जस्टिस सुराणा ने कहा कि अदालत परिसर के भीतर वकील के ड्रेस कोड का पालन करना प्रत्येक पीठासीन न्यायिक अधिकारी और हाई कोर्ट के न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र में है.
वकील ने क्या दी दलील?
वकील महाजन जनवरी 2023 में गिरफ्तारी पूर्व जमानत मामले की सुनवाई के दौरान जींस पहनकर कोर्ट में पेश हुए थे. कोर्ट परिसर से निकाले जाने पर महाजन ने अदालत के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए एक अर्जी दी थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें अदालत से नहीं हटाया जा सकता था क्योंकि गौहाटी हाई कोर्ट (अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस की शर्तें) नियम, 2010 के नियम 16 में जींस को बाहर नहीं रखा गया है.
वकील ने यह भी कहा कि अदालत को उन्हें हटाने के लिए पुलिस कर्मियों को नहीं बुलाना चाहिए था क्योंकि वह सुरक्षा के लिए खतरा नहीं थे.