राम मंदिर का मुकदमा लड़ने वाले वकील के.परासरन का घर बना राम मंदिर ट्रस्ट का अधिकारिक पता
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया गया है. अयोध्या मामले पर कोर्ट में 40 दिन लगातार चली सुनवाई में के परासरन ने रामलला की तरफ से पक्ष रखा था.
नई दिल्ली: राम मंदिर का सालों तक सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन का मकान R-20 ग्रेटर कैलाश पार्ट वन, नई दिल्ली अब सदियों के लिए अमर हो गया. क्योंकि सरकार ने जिस राम मंदिर ट्रस्ट का गठन किया है. उस ट्रस्ट का अधिकारिक पता के परासरन का मकान ही होगा. मंदिर भले ही अयोध्या में निर्माण किया जाएगा. लेकिन उसके सारे दस्तावेज और अधिकारिक कामकाज के लिए इसी पते को चुना गया है. इसी पते पर इस ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुबह 11:00 बजे लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट की जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 9 फरवरी 2020 से पहले गृह मंत्रालय को इस ट्रस्ट का गठन करना जरूरी था.जिसको देखते हुए 5 फरवरी को ही सरकार ने सदन में ट्रस्ट के निर्माण की जानकारी दी. दोपहर बाद ट्रस्ट को लेकर गजट सामने आया. जिसमें ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन का पता R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट वन दर्शाया गया था.
दरअसल यह घर तमिलनाडु सरकार के पूर्व महाधिवक्ता के परासरन का है. के परासरन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता है और 2012 से 2018 तक राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. जिन्हें राष्ट्रपति ने नॉमिनेट किया था. परासरन पिछले 10 साल से राम मंदिर का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे थे. 9 नवंबर को 2019 जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया उस समय भी परासरन ही राम मंदिर की तरफ से अधिवक्ता थे.
10 नवंबर 2019 सुबह करीब 10:00 बजे खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत, भैया जी जोशी और कृष्ण गोपाल के परासरन से मिलने उनके इसी मकान में आए थे और अब सरकार ने जिस ट्रस्ट का गठन किया उसके लिए भी आधिकारिक पता इसी आवास को बनाया गया है. सरकार की इस पहल से यह तय हो गया है कि के परासरन भी उस ट्रस्ट का हिस्सा होंगे. जिस ट्रस्ट को सरकार ने गठित किया है.
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