Black Coat Plea: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि गर्मियों के दौरान सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ देश भर के हाई कोर्ट में भी वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट देने का निर्देश दिया जाए. अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका में अलग-अलग राज्यों की बार काउंसिल को प्रत्येक राज्य के लिए ‘‘गर्मी के प्रमुख महीनों’’ को निर्धारित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है ताकि उन महीनों में वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट दी जा सके.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि राज्यों में अधिवक्ताओं के लिए पारंपरिक ‘ड्रेस कोड’ में ढील देने पर विचार किया जाए क्योंकि इससे बढ़ती गर्मी के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
क्या गया गया याचिका में?
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में वकील त्रिपाठी ने कहा, "भारत में वकील के लिए जो ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है, वह भारतीय जलवायु के लिए उपयुक्त नहीं है. गर्मियों में कंबल जैसा गर्म कोट पहनना किसी यातना से कम नहीं है. भारत की जलवायु विविधता से भरी है. भारत के अधिकांश हिस्सों में लगभग पूरे साल हाई टेंपरेचर और आर्द्र मौसम बना रहता है. इस तरह के मौसम में गर्म कपड़े पहनने से कार्यकुशलता प्रभावित होती है, जिसका सीधा असर न्याय की गुणवत्ता पर पड़ता है."
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी इस तरह की याचिका
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में गर्मियों के दौरान शीर्ष अदालत के साथ-साथ देश भर के हाई कोर्ट में वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट देने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि वह अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार नहीं कर सकती है और याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत के साथ बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के पास जाने को कहा था.
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