नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए स्वदेशी फाइटर जेट, एलसीए तेजस का 'फ्यूसलाज़' अब बेंगलुरू की एक प्राइवेट कंपनी बनाएगी. ‌कंपनी ने पहला फ्यूसलाज़ एचएएल को बना कर सौंप भी दिया है.


सोमवार को एक वर्चुअल समारोह में बेंगलुरू की कंपनी डॉयनेमैटिक-टेक ने पहला फ्यूसलाज़ यानि फाइटर जेट का ढांचा हिंदु‌स्तान एयरोनोटिक लिमिटेड (एचएल) को सौंप दिया. इस दौरान रक्षा सचिव अजय कुमार भी वर्चुअली मौजूद थे. जानकारी के मुताबिक, डायनेमैटिक कंपनी एलसीए तेजस के एफओसी (फाइनल ऑपरेशन्ली क्लीयेरेंस) वर्जन के फ्यूसलाज़ बनाएगी. कंपनी को इसी साल सितंबर के महीने में ये कॉन्ट्रैक्ट सौंपा गया था.



सरकारी उपक्रम, एचएएल द्वारा तैयार किया स्वदेशी फाइटर जेट, एलसीए यानि लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट, तेजस में हालांकि शुरूआत से ही प्राइवेट कंपनियां (और विदेशी सप्लायर्स) कॉम्पेनेंट और स्पेयर पार्ट्स इत्यादि सप्लाई करती रहती हैं. लेकिन ये पहली बार है कि किसी स्वदेशी‌ प्राईवेट कंपनी को स्वदेशी सुपरसोनिक फाइटर जेट का फ्यूसलाज़ बनाने का मौका मिला है. इस‌ फ्यूसलाज़ में मिड-रेफ्यूलिंग यानि आसमान में ही फाइटर जेट में फ्यूल भरने की सुविधा भी है.


डायनेमैटिक कंपनी काफी लंबे समय से एचएएल कए साथ जुड़ी रही है. एचएएल को हर साल करीब 20 फ्यूसलाज़ की जरूरत है जिसे कंपनी मुहैया कराएगी. लेकिन आने वाले समय में जब एचएएस एलसीए-मार्क-2 और एमका यानि एडवांस मीडियम कॉम्बएट एयरक्राफ्ट बनाएगी तो ये डिमांड और बढ़ने की उम्मीद है.


समारोह में बोलते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक पल है और इस वेंचर (एचएएल और डायनेमैटिक के बीच) पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का एक सफल उदाहरण है. इससे दूसरे पीएसयू यानी सरकारी उपक्रम और प्राइवेट कंपनियों के बीच साझेदारी का रास्ता खुलने में मदद करेगी.


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