कोरोना संकट: सब कुछ भूल कर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी बने 'कोरोना योद्धा', जमकर हो रही तारीफ
कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में जुटे पुलिसकर्मियों के लिए ड्यूटी सबसे पहले.देश में कोरोना के मरीज़ों की संख्या 12 हज़ार से अधिक जा पहुंची है वहीं मरने वालों का आकड़ा 414 हो गया है.
राज्य पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने जादव से बात की और उनकी सराहना की. साबरकांठा में गमभाई पुलिस थाने में पदस्थ कांस्टेबल इंद्रविजय सिंह रेहवर की एक बांह में फ्रेक्चर है लेकिन प्लास्टर के बाद वह भी पीसीआर वैन में गश्त के अपने काम पर लौट आए. साबरकांठा के पुलिस अधीक्षक ने उनके समर्पण की प्रशंसा की. मोरबी जिले के कांस्टेबल विपुल फुल्तारिया के घर में बेटी का जन्म हुआ, वह बेटी को देखकर फिर ड्यूटी पर लौट आए.
कच्छ जिले के भुज में कांस्टेबल अल्का देसाई ड्यूटी पर अपनी दो साल की बेटी को लेकर आ रही हैं क्योंकि घर पर उसकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है. ये कोरोना यौद्धा उसी लंबी फेहरिस्त के कुछ नाम हैं जो अपने समर्पण से मिसाल कायम कर रहे हैं.
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