हैदराबाद में पसरता डर, अब महिला लेक्चरर ने पुलिस कमिश्नर से मांगा बंदूक का लाइसेंस
एक महिला का बंदूक के लिए लाइसेंस की मांग करना क्या ये पुलिस पर घटते भरोसे का प्रतीक है या फिर अपनी सुरक्षा को लेकर सजग होने की पहचान. आखिर क्यों एक महिला लेक्चरर को पुलिस कमिश्नर को ईमेल करना पड़ा?
हैदराबाद: महिला पशु चिकित्सक से रेप के बाद हत्या से पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और असुरक्षा को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं. कहीं कैंडिल मार्च निकालकर लोग अपना गुस्सा जता रहे हैं तो कोई संसद भवन पहुंच कर अपनी बात पहुंचा रहा है. इसी बीच तेलंगाना में एक महिला लेक्चरर ने पुलिस कमिश्नर को ईमेल भेज कर बंदूक का लाइसेंस दिये जाने की मांग की है.
खम्मम के एक कॉलेज में पढ़ाने वाली एन फातिमा नफीस का कहना है कि राज्य में औरतों पर बढ़ते हमलों की खातिर उन्होंने बंदूक के लाइसेंस की मांग की है. इसके लिए उन्होंने पुलिस कमिश्नर एन रविंद्र रेड्डी को मेल किया है. फातिमा का कहना है कि उन्हें बाहर निकलने में डर लगता है. वो हनमकोंडा के दीनदयाल नगर इलाके में रहती हैं और घर आने में उन्हें देर हो जाती है. जिससे उनकी चिंता बढ़ जाती है. उस इलाके में रहने वाली एक लड़की का पिछले दिनों कत्ल कर दिया गया था. इसलिए उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक के लाइसेंस की जरुरत है.
जब पुलिस कमिश्नर रविंद्र रेड्डी से फातिमा की आशंकाओं को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा," लोगों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है. पुलिस चौबीस घंटे चौकन्ना रहती है." पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ये ईमेल आवेदन है और हो सकता है ये वास्तविक हो. लेकिन लोगों को खौफजदा होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि ये लंबी प्रक्रिया है.
आपको बता दें कि साल 2012 में भी दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप की घटना हुई थी जिसने देश को झकझोर दिया था. तब सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा बेहतर करने के लिए निर्भया फंड जारी किया था, लेकिन देश में हालात नहीं बदले.