(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Protest Against Demolition In UP: जंतर मंतर पर आफरीन फातिमा के समर्थन में लेफ्ट संगठनों का प्रदर्शन, बुलडोजर कार्रवाई का विरोध
वामपंथी संगठनों का आरोप है कि मुस्लिमों को बुलडोजर की करवाई के लिए चिन्हित किया गया है और वो इसकी निंदा करते हैं. लेफ्ट संगठनों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान और सीआरपीएफ मौजूद रही.
JNU Protest On Prayagraj Bulldozer Demolition: पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में पिछले हफ्ते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद यूपी के प्रयागराज समेत अलग-अलग शहरों में हिंसा हुई. हिंसा के बाद सख्त हुए प्रशासन ने प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद अहमद के घर पर बुलडोजर चलवा दिया. जावेद अहमद जेएनयू की पूर्व छात्रा आफरीन फातिमा के पिता हैं. फातिमा के घर पर हुई इस कार्रवाई के मद्देनजर दिल्ली के जंतर मंतर में आज लेफ्ट संगठनों ने प्रदर्शन किया.
वामपंथी संगठनों का आरोप है कि मुस्लिमों को बुलडोजर की करवाई के लिए चिन्हित किया गया है और वो इसकी निंदा करते हैं. लेफ्ट संगठनों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के जवान और सीआरपीएफ मौजूद रही. प्रदर्शन शुरू होने के कुछ ही मिनटों में सीआरपीएफ के जवानों ने कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लेकर बस में बिठा दिया. आपको बता दें कि JNU में लेफ्ट संगठन के छात्रों ने फातिमा के समर्थन में JNU में भी रविवार की रात को प्रदर्शन किया था.
प्रोटेस्ट के दौरान क्या बोले AISA के छात्र?
इस दौरान एबीपी न्यूज ने हिरासत में लिए गए छात्रों से बात की. AISA से जुड़े छात्र कहते हैं कि प्रोटेस्ट करना संवैधानिक तरीका है. इससे कोई हमें वंचित नही कर सकता है और हम सिर्फ अपने हक का इस्तेमाल कर रहे हैं. फातिमा और उनके परिवार के विरुद्ध हो रही राजनीति को हम खूब समझते हैं. पुलिस हिरासत में लिए गए जेएनयू के एक अन्य छात्र ताहिर कहते हैं कि इस प्रदर्शन का मकसद यही है कि हम बुलडोजर की कारवाई का पुरजोर विरोध करते हैं. बुलडोजर अन्याय का सिंबल बन गया है.
पीएम मोदी पर क्या बोली अंबेडकर स्कूल की छात्रा?
जंतर मंतर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुई अंबेडकर विश्वविद्यालय की छात्रा बताती हैं कि वो भी फातिमा की तरह प्रयागराज से हैं. सौम्या कहती हैं कि हम लगातार देख रहे हैं कि नवीन जिंदल, अनुराग ठाकुर, नूपुर शर्मा खुले आम कह रहे हैं हथियार ले आइए. पीएम कह रहे हैं कपड़ों से पहचाना जा सकता है. ये सब मुस्लिमों को परेशान करने की राजनीति है. लेफ्ट संगठन AISA से जुड़ी छात्रा शायरी बताती है कि मुस्लिमों पर कोई भी आरोप लगा देना बेहद आसान है. कानून कहता है कि इनोसेंट अनटिल प्रूवेन. वो घर फातिमा की मां परवीन फातिमा के नाम है. बुलडोजर दलितों, मुसलमानों, गरीबों के घरों को तोड़ने का सिंबल बन गया है.
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