देश के पांच वामपंथी दलों ने लोगों से फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रकट करने का आह्वान करते हुए बुधवार को मांग की है कि केंद्र सरकार इजरायल को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए विभिन्न भारतीय कंपनियों को दिए गए सभी निर्यात लाइसेंस और अनुमतियां रद्द करे.


वाम दलों ने इजरायल पर प्रतिबंध की मांग की


मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिबरेशन (भाकपा-माले) ने एक संयुक्त बयान जारी कर तत्काल युद्धविराम और 1947 से पहले की सीमाओं और पूर्वी यरुशलम को राजधानी के रूप में एक फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता और इजरायल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.


वाम दलों ने कहा कि गाजा में इजरायल के नरसंहार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव, आईसीजे (अंतरराष्ट्रीय कोर्ट) के फैसलों के उल्लंघन और फिलिस्तीन के लोगों के खिलाफ इस तरह के नरसंहार में बढ़ोतरी के मद्देनजर भारत के वामपंथी दल माकपा, सीपीआई, आरएसपी, एआईएफबी और भाकपा-माले भारतीय लोगों से फिलिस्तीन के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने का अह्वान किया.


सरकार इजराइल को हथियारों की आपूर्ति का लाइसेंस करे रद्द


इन पार्टियों ने अमेरिका के समर्थन से इजरायल की ओर से किए जा रहे नरसंहार और अत्याचारों के खिलाफ अपनी एकजुटता व्यक्त करने का आह्वान किया. इन दलों ने इजरायल पर सैन्य प्रतिबंध लगाने और उसके साथ हथियारों और सैन्य उपकरणों के होने वाले आयात-निर्यात को रोकने सहित सभी तरह के सैन्य सहयोग को प्रतिबंधित करने की मांग की.


हाल ही में हिजबुल्लाह कमांडर फउद शुकर और हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है. इसके लिए इजरायल को दोषी ठहराया जा रहा है. ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल से हानिया की मौत का बदला लेने की बात कही है.


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