नई दिल्लीः नागरिकता कानून के खिलाफ वाम दलों ने आज पूरे देश में प्रदर्शन करने का एलान किया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)- मुक्ति, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने सरकार के फैसलों के विरोध में अपनी सभी प्रादेशिक और जिला इकाइयों से आज प्रदर्शन में शामिल होने को कहा है.


वाम दलों का आरोप है कि इस कानून से भारत की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक बुनियाद खत्म हो जाएगी. वाम दलों की और से नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी.


क्यों चुना आज का दिन


वामदलों के मुताबिक पार्टी ने मिलकर आज का दिन इसलिए चुना क्योंकि 19 दिसंबर को 1927 में तीन स्वतंत्रता सेनानियों- राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान और रोशन सिंह को अंग्रेजी शआसन काल में फांसी दी गई थी.


बता दें कि नागरिकता कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है. देश के अलग अलग हिस्सों में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली.


क्या है नागरिकता संशोधन कानून


नागरिकता कानून संसद से पास होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत पहुंचे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.


कानून बनने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था. वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.


कन्हैया ने पूछा- क्या 1947 और पाकिस्तान का बदला देश के मुसलमानों से लेना चाहती है सरकार?