CM ममता RSS की दुर्गा भी और कठपुतली भी- TMC की राजनीति पर CPI(M) नेता का आरोप
CPI (M) on Mamata Banerjee: माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी पर NDA के पुराने सहयोगी होने को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि वह जरूरत पड़ने पर NDA का साथ देंगी.
CPI(M) Attack On Mamata Banerjee: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सांसद विकास भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चीफ ममता बनर्जी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दुर्गा बताया है. उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी की राजनीतिक प्रतिबद्धता शुरुआत से ही आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में रही है और उनका राजनीतिक रुख संघ की विचारधारा से मिलता-जुलता है. विकास भट्टाचार्य की ये तल्ख टिप्पणियां तब आई हैं जब टीएमसी चीफ पिछले कुछ दिनों से विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल कांग्रेस और वाम दलों पर निशाना साधती दिखी हैं.
बंगाल सीएम की ओर से कांग्रेस-वाम दलों पर बीजेपी के साथ मिलकर तृणमूल के खिलाफ काम करने का आरोप लगाने के बाद विकास भट्टाचार्य बोले, "हम ममता के इस रुख का स्वागत करते हैं कि वह हमारे साथ (I.N.D.I.A) मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगी. इसकी वजह है कि सीपीआई (एम) आरएसएस के एजेंडे में बाधा डालती है और वह (ममता बनर्जी) आरएसएस की दुर्गा हैं. आरएसएस कहता है कि वामपंथी ताकतों को नष्ट करो और उनका (ममता बनर्जी) राजनीतिक रुख भी आरएसएस के इसी एजेंडे से मेल खाता है. हम आरएसएस और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।
NDA में जाएंगी Mamata Banerjee?
माकपा नेता ने ममता बनर्जी को इसके अलावा आरएसएस की "कठपुतली" भी करार दिया. कोलकाता के पूर्व मेयर भट्टाचार्य ने बताया कि अगर लोकसभा चुनाव में एनडीए या इंडिया गठबंधन में से किसी को भी बहुमत नहीं मिलता तो सीएम बनर्जी बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो जाएंगी. उन्होंने कहा, "अगर चुनाव के बाद त्रिशंकु संसद की स्थिति बनती है तो मैं लिखकर दे सकता हूं कि ममता बनर्जी सभी को छोड़कर एनडीए और बीजेपी में शामिल हो जाएंगी. वह बीजेपी की पुरानी सहयोगी हैं."
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहीं ममता
ममता बनर्जी एनडीए की पुरानी सहयोगी रही हैं जिसे लेकर माकपा अमूमन उन पर हमलावर रही है. बंगाल सीएम दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं और वह अक्टूबर 1999 से मार्च 2001 तक रेल मंत्री और फिर जनवरी से मई 2004 तक केंद्र में खनन मंत्री रही थीं.