Amit Shah Speech: अमित शाह बोले- मोदी राज में वामपंथी उग्रवाद में आई कमी, आंकड़ों का जिक्र कर कांग्रेस पर साधा निशाना
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में पूर्वोत्तर में 304 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि मोदी सरकार में यह संख्या सिर्फ 87 रही.
Union Home Minister Amit Shah Speech: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कार्यकाल में वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) से प्रभावित जिलों की संख्या में 70 प्रतिशत की कमी आई है. राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करने के बाद शाह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के 66 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटा लिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर और देश के वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र जनजातीय बहुल हैं और वहां विकास के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुरक्षित पूर्वोत्तर और सुरक्षित मध्य भारत जनजातीय समुदाय के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है.
कांग्रेस शासन में कितने सुरक्षाकर्मियों ने गंवाई थी जान?
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस जब शासन में थी तब आठ साल में पूर्वोत्तर के राज्यों में 8,700 अप्रिय घटनाएं हुई थी, जबकि मोदी सरकार में यह घटकर 1,700 रह गईं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में पूर्वोत्तर में 304 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि मोदी सरकार में यह संख्या सिर्फ 87 रही.
शाह ने कहा कि देश में योजना आयोग, जो अब नीति आयोग हो गया है, भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने देश की प्रगति में अहम योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह से राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान देश के जनजातीय समुदाय के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएगा.
केंद्र सरकार ने एकलव्य आवासीय विद्यालयों का बढ़ाया बजट
अमित शाह ने कहा कि यह संस्थान देश की आजादी के 100 वर्षों तक के सफर में जनजातीय विकास की रीढ़ की हड्डी साबित होगा. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय शोध और शिक्षा को शीर्ष प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में कांग्रेस के राज में इस उद्देश्य के लिए सात करोड़ रखे गए थे. वर्ष 2022 में हमने 150 करोड़ रुपये रखे. केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी सरकार में एकलव्य आवासीय विद्यालयों का बजट इस वित्तीय वर्ष में 278 करोड़ से बढ़ाकर 1,418 करोड़ रुपये कर दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि जनजातीय बच्चे ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ पदक ला सकते हैं क्योंकि खेल जनजातीय परंपरा का हिस्सा है. शाह ने कहा कि जनजातीय बच्चे प्रकृति प्रदत्त खिलाड़ी होते हैं और ऐसे बच्चों को मार्गदर्शन, कोचिंग, अभ्यास और एक मंच की जरूरत है ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सके.
उन्होंने कहा कि एकलव्य आवासीय स्कूलों के हर जनजातीय छात्र पर सरकार 1.09 लाख रुपये खर्च कर रही है, जबकि इसके पहले यह खर्च केवल 42 हजार रुपये था. शाह ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के पास सर्वाधिक जनजातीय सांसद और मंत्री हैं.
जल जीवन मिशन के लिए क्या बोले अमित शाह ?
अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकारें जनजातीय विकास के बारे में केवल बात करती थी. उन्होंने पूछा कि क्या पिछली सरकारों ने जनजातीय लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया या उनके घरों में शौचालय का निर्माण किया? क्या उन्होंने अनुसूचित जनजाति समुदाय को स्वास्थ्य कार्ड दिया? शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 1.28 करोड़ जनजातीय परिवारों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया और 1.45 करोड़ घरों में शौचालय बनवाए.
केंद्र सरकार ने आदिवासियों के लिए देश भर में कितने संग्रहालय बनवाए
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने 42 लाख अनुसूचित जनजाति परिवारों को आयुष्मान कार्ड दिए हैं और आदिवासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40 लाख से अधिक घर बनाए हैं. शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और वीरता को पहचाना है और उनके सम्मान में लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से पूरे भारत में 10 संग्रहालय बनवाए जा रहे हैं.
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) ने कहा कि भारतीय जनजातियां (Indian Tribes) पूरे देश में फैली हुई हैं, लेकिन पहले लोग उन्हें मुख्यधारा का हिस्सा नहीं मानते थे. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार (Modi Government) का मानना है कि भारत तब तक प्रगति नहीं करेगा जब तक कि अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) आगे नहीं बढ़ जाती. केंद्रीय जनजातीय मामलों (Central Tribal Affairs) के मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल के दौरान जनजातीय लोगों के विकास के लिए नीतियों और कार्यक्रम को मजबूत और पारदर्शी किया गया है.
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