Anti Brahmin Vaishya Slogans on JNU walls Row: राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर की कुछ दीवारों पर लिखी मिली ब्राह्मण और वैश्य विरोधी बातों को लेकर बीजेपी प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने लेफ्ट विंग को जिम्मेदार ठहराया है.


बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ''अब तक जेएनयू में टुकड़े-टुकड़े गैंग हो या फिर आतंकियों के समर्थन में लगे नारे हो, इन सबके पीछे लेफ्ट समर्थक लोगों का हाथ रहा है और आज समाज को तोड़ने वाली जो बात लिखी गई है, उसके लिए भी वही लोग जिम्मेदार हैं.''


वाइस चांसलर ने दिया जांच का आदेश


रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएनयू की वाइस चांसलर प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने घटना का गंभीरता से लिया है और जांच का आदेश दिया है. जेएनयू के रजिस्ट्रार ने कहा है कि विश्वविद्यालय ऐसी सोच की निंदा करता है और ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


रजिस्ट्रार की ओर से कहा गया है कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और शिकायत समिति को जल्द से जल्द पूछताछ करने और वीसी को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. जेएनयू सबको एक साथ लेकर चलने और समानता के लिए खड़ा है. वीसी ने परिसर में किसी भी तरह की हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी.




दीवारों पर लिखे गए ऐसे विवादित नारे


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गुरुवार (1 दिसंबर) को कैंपस की कई दीवारों पर ब्राह्मण-वैश्य विरोधी नारे लिखे मिले थे. रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II की दीवारों पर विवादित जातिसूचक नारे लिखे गए थे. अंग्रेजी में लिखे गए विवादित नारों का हिंदी मतलब है- 'ब्राह्मणों परिसर छोड़ दो', 'खूनखराबा होगा', 'ब्राह्मण भारत छोड़ो', 'बाह्मणों और बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं! बदला लेंगे'.''


एक महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर लिखा गया, ''शाखा लौट जाओ.'' अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस मामले की शिकायत की है. 


छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया


छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लेफ्ट विंग के छात्रों को दोषी ठहराया है. एबीवीपी अध्यक्ष रोहित कुमार ने ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन को इसके लिए जिम्मेदार बताया है. उन्होंने मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है.


रोहित कुमार ने कहा, ''हमारा यह मानना है कि विश्वविद्यालय की जगहें एकेडमिक डिबेट और चर्चाओं के लिए होनी चाहिए, जैसे कि हम जी-20 को लेकर एक कार्यक्रम कर रहे हैं, वैसी चीजों के लिए होना चाहिए लेकिन लेफ्ट के लोगों ने जेएनयू कैंपस में हमेशा से जहर घोलने का काम किया है. यहां पर छात्र समुदाय के बीच में, समाज के बीच में ऐसी जातिसूचक बातें लिखना, लोगों को गालियां देना, हेट फैक्ट्री जेएनयू को बना दिया है, ऐसी चीजें अगर जेएनयू में छात्र समुदाय में जाएंगी तो हम देश के लिए किस तरह का ह्यूमन रिसोर्स तैयार कर रहे हैं?''


वहीं, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने कहा है कि उसका इस घटना से कुछ भी लेना-देना नहीं है, यह एबीवीपी की करतूत हो सकती है.


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