नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि मलेशिया से जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के लिए संपर्क करने के संबंध में आंतरिक कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के करीब है. जल्द ही उसके प्रत्यर्पण के लिए आग्रह किया जाएगा.
जाकिर नाईक पर एनआईए ने युवाओं में कट्टरवाद फैलाने का आरोप लगाया है. विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि कट्टरपंथी इस्लामिक धर्मगुरू को मलेशिया में स्थायी निवास दे दिया गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि प्रत्यर्पण के आग्रह के संबंध में किसी दूसरे देश से संपर्क करने से पहले की भारत की आंतरिक कानूनी प्रक्रिया नाईक के मामले में पूरी होने के करीब है. उन्होंने कहा कि जब प्रत्यर्पण के बारे में कोई औपचारिक आग्रह दूसरे सरकार के पास भेजना होता है तब जरूरी है कि हम पहले अपना आंतरिक काम पूरा कर लें. इस बारे में अंतर विभागीय चर्चा चल रही है . हमारी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के करीब है और इसके बाद हम मलेशियाई सरकार के पारस जल्द ही प्रत्यर्पण का आग्रह करेंगे.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, नाइक को पांच साल पहले ही वहां स्थायी निवास दे दिया गया था. मलेशिया के अखबारों में छपी खबरों के अनुसार देश के उपप्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने मलेशिया के निचले सदन को बताया कि नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत से अभी कोई औपचारिक अनुरोध नहीं आया है. उन्होंने साथ ही कहा कि अगर भारत से ऐसा कोई अनुरोध आएगा तो नाईक को भारत को सौंप दिया जाएगा.