NCW Mobile Application Launch: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जमानत के बावजूद पैसे के अभाव में जेल से बाहर नहीं आ पाने वाले कैदियों को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि कई बार आपको ऐसे कैदी मिलते हैं, जिनको जमानत मिल चुकी होती है, लेकिन फिर भी कहते हैं कि उन्हें लंबे समय से रिहा नहीं किया गया.


चीफ जस्टिस ने कोर्ट के डेली कामकाज के बारे में बताया कि अदालत में उनके सामने अलग-अलग तरह की शिकायतें आती हैं. उन्होंने कहा लोग आपके पास अपनी आशाएं और उम्मीदें लेकर आते हैं. 


लीगल सर्विस डे और NCW मोबाइल एप्लिकेशन के लॉन्च के अवसर पर CJI चंद्रचूड़ कहा कि कानूनी सहायता का अधिकार संविधान लिखते समय नहीं दिया गया था. इसे अनुच्छेद 39ए के जरिए कानूनी सहायता आंदोलन (Legal Aid Movement) के वैधानिक फॉर्म में लागू किया गया था. 


'हमारे कानून बेहद शानदार'
डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमारे कानून बेहद शानदार हैं. हमारे कानूनों को लागू भी अच्छी सद्भावना के साथ किया जाता है." उन्होंने कहा कि विशाल और विविधतापूर्ण देश में असल चुनौती लोकतंत्र की परिवर्तनकारी क्षमता का उपयोग करना है.


'हाशिए पर चले जाते हैं पीड़ित'
सीजीआई ने कहा कि यह इस बात का इशारा है कि लिंग, जाति, विकलांगता और हिंसा के आधार पर पीड़ित हाशिए पर चले जाते हैं और इस कारण अक्सर उन्हें उनके अधिकार मिलने में दिक्कत होती है. उन्होंने आगे कहा, "अक्सर आपको ऐसे विचाराधीन कैदी मिलते हैं, जो आपके पास आते हैं और जमानत मिलने के बावजूद कहते हैं कि मुझे कई हफ्तों से रिहा नहीं किया गया है."


आज ही के दिन चीफ जस्टिस बने थे डीवाई चंद्रचूड़ 
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक गौरतलब है कि चीफ जस्टिस के रूप में डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है. वह पिछले साल 9 नवंबर को देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए थे. उन्हें अभी पद पर एक साल और रहना है.


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